ग्लोबल कायस्थ कॉन्फेंस ने डिस्को किंग बप्पी लाहिड़ी को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

नयी दिल्ली, 24 फरवरी ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला-संस्कृति प्रकोष्ठ ने महान संगीतकार-गायक बप्पी लाहिड़ी की स्मृति में संगीतमय संध्या का आयोजन किया, जिसमें कलाकारों ने बप्पी लाहिड़ी को गायन, वादन और संस्मरण के जरिये भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार और राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष श्रुति सिन्हा ने बताया कि बप्पी लाहिड़ी की स्मृति में वर्चुअल संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बप्पी लाहिड़ी से जुड़े संस्मरण को सुप्रसिद्ध कवि आलोक अविरल और जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक और सुप्रसिद्ध अभिनेता-फिल्मकार दीप श्रेष्ठ ने साझा किया। दीप श्रेष्ठ ने बताया कि उन्होंने बप्पी लाहिड़ी के संगीत से सजी फिल्म कह दो प्यार है में अभिनय किया था लेकिन दुर्भाग्य से फिल्म रिलीज नहीं हो सकी। फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें उनसे काफी कुछ सीखने को मिला था। कार्यक्रम की परिकल्पना और संचालन जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव सोनिका श्रीवास्तव और जीकेसी बिहार शिक्षा प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष रश्मि सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ कत्थक नृत्यांगना श्रुति सिन्हा द्वारा सोमिका श्रीवास्तव स्वरबद्ध गणेश वंदना पर नृत्य भाव प्रस्तुत कर मशहूर संगीतकार बप्पी लाहिड़ी को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए किया गया। जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बप्पी लाहिड़ी को श्रद्धांजली अर्पित करते हुये कहा, बप्पी लाहिड़ी के रूप में हमनें एक ऐसे विभूति को खोया जिसकी भरपाई आने वाले वर्षो में कतई संभव नहीं है। बप्पी लाहिड़ी ने अस्सी के दशक में अपने संगीत के जादू से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने संगीत में कई प्रयोग किये। परंपरागत संगीत को लेकर जो मान्यतायें थी, उन्होंने उसे वैश्विक परिक्षेक्ष्य के रूप में हिंदुस्तान के संगीत को जोड़कर जादू पैदा किया, इसलिये शायद वह अमर हैं। बप्पी लाहिड़ी ने जो भी गीत संगीतबद्ध किये या उन्होंने जो गीत गाये उन्हें अमर बना दिया। जीकेसी की पूरी टीम ने जिस तरह से बप्पी लाहिड़ी की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किया है उसके लिए पूरी टीम बधाई और शुभकामनाओं की पात्र है।

जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा, बप्पी लाहिड़ी के संगीतबद्ध गीत लोगों को प्रेरणा देते हैं। बप्पी लाहिड़ी अपने आप में एक संस्थान थे। बेशक आपको डांस आता हो या न आता है लेकिन बप्पी लाहिड़ी के संगीतबद्ध और गाये गीतों के जरिये लोग थिरकने पर मजबूर हो जाते थे। वह डिस्कों के निर्माता थे। बप्पी लाहिड़ी का संगीत लोगों को सुकून देता है। वह एक प्रणेता रहे हैं। संगीत की दुनिया में बप्पी लाहिड़ी ने जो योगदान दिया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के महासचिव पवन सक्सेना ने कहा, बप्पी लाहिड़ी के संगीतबद्ध गीतों ने श्रोताओं के दिलों पर अमिट पहचान बनायी है। उन्होंने भारतीय सिनेमा के संगीत जगत को नया आयाम दिया। संगीत के के क्षेत्र में उनके योगदान को कोई भूला नहीं सकता। आज भी वह अपने संगीतबद्ध गीतों के जरिये लोगों के दिल पर राज करते हैं। बप्पी दा अद्भुत संगीतकार एवं गायक थे, उनके निधन से एक युग का अंत हो गया।

संगीतमय कार्यक्रम में मुम्बई से डॉ शालिनी बैरागी ने “आओ तुम्हें चांद पे ले जायें, गज़ल गायिका मृणालिनी अखौरी ने ” प्यार कभी कम नहीं करना, कुमार संभव ने प्यार मांगा है तुम्ही से, हवाईयिन गिटारिस्ट सुबोध नंदन सिन्हा ने दिल में हो तो आंखो में तुम, दिवाकर कुमार वर्मा ने याद आ रहा है तेरा प्यार, स्पैनिश गिटारिस्ट प्रवीण बादल ने दिल में हो तो तुम आंखों में तुम, हैप्पी श्रीवास्तव ने प्यार कभी कम नहीं करना और जुबिन सिन्हा ने याद आ रहा है तेरा प्यार गाने पर शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में प्रेम कुमार ने बप्पी लाहिड़ी के संगीतबद्ध गीत ‘चलते चलते मेरे ये गीत ‘ गाकर सबका दिल जीत लिया।

ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद एवं मुख्य न्यासी रागिनी रंजन जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से एक फरवरी 2021 से अभी तक जितने भी महापुरुषों की जयंती एवं श्रद्धासुमन लगातार मनाया जा रहा है और उम्मीद ही नही पूर्ण विश्वास है कि कला संस्कृति अपने दायित्व को समझते हुए इस तरह के कार्यक्रमों को प्रतिमाह में एक बार अवश्य करेगा। उन्होंने आज के कार्यक्रम को अद्भुत, अकल्पनीय, अविस्मरणीय बनाने के लिए प्रेम कुमार, श्रुति सिन्हा, पवन सक्सेना , सौमिका श्रीवास्तव एवं रश्मि सिन्हा एवं सभी उपस्थित प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। जीकेसी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सभी का धन्यवाद करते हुये कार्यक्रम का समापन किया गया।

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