भगवानपुर, प्रखंड के श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर वारिसपुर के प्रांगण में नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आज पाँचवें दिन अखिल भारतीय श्री राम कथा प्रवक्ता डॉ. स्वामी रमेशाचार्य महाराज ने सीता राम विवाह प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा -विवाह दो आत्माओं का मिलन है।
विवाह दहेज रहित हो। दहेज लेना और देना सामाजिक व संवैधानिक अपराध है। राम सीता का विवाह आदर्श विवाह है। महाराज दशरथ ने महाराज जनक से किसी प्रकार के दहेज व लेन-देन की बात नहीं करते हैं। आज के वर-पक्ष के माता- पिता अनेकानेक मांग करते हुए विवाह करते हैं। उनकी मांग पूरी न होने पर विवाह नहीं करते हैं। दहेज के अभाव में कितनी बेटियों को मौत का भी मुँह देखना पड़ता है। दहेज रहित विवाह ही आदर्श विवाह होता है।
आगे डा.रमेशाचार्य महाराज ने कहा -बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ। बेटी विहीन समाज मृतप्राय होता है।यत्र पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता। जिस परिवार,समाज व देश में नारियों का सम्मान होता है, वहाँ देवताओं का निवास होता है। राम सीता का विवाह धूमधाम से सम्पन्न हुआ।
वारिसपुर ग्रामीणों द्वारा आयोजित श्री राम कथा के संयोजक जय गुरुदेव विद्या मंदिर के प्रबंधक वह प्राचार्य पंकज मिश्रा ने बताया कि श्रीराम कथा सुनने हेतु काफी संख्या में नर नारी उपस्थित हो रहे हैं। श्रीराम कथा को सफल बनाने में राजकिशोर सिंह शिक्षक, उमेश सिंह फौजी,अंकज मिश्र शिक्षक, कुन्दन कुमार, चुन्नू सिंह, देवेन्द्र सिंह, लक्ष्मीनारायण सिंह आदि विशेष रूप से संलग्न हैं। कथा की पूर्णाहुति १९दिसंबर को होगी। श्रीराम कथा नित्य अपराह्न तीन बजे से छः बजे तक होगी।