महाबोधी परिसर में 17वें एंटरनेसनल त्रिपिटक सुत पाठ का उद्घाटन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मोजूद थे। उन्होंने बताया की बोधि वृक्ष वह स्थान है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। सारनाथ में प्रथम उपदेश धम्मचक्क प्रवर्तन किया, बुद्ध के मार्ग पर चल कर हम सब करुणा मैत्री के साथ शांतिपूर्ण जीवन जी सकते है।
इसके पहले भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। बौद्ध भिक्षु इस बार सुत पिटक के खुदक निकाय के विमानवत्थू का पाठ करेंगे। शोभा यात्रा में वियतमान से आए आयोजक देश को इसके आयोजन का मिलता है दायित्व। सिर पर आदर भाव से त्रिपिटक साहित्य को लिए श्रद्धालु रायल थाई वट से निकल कर लगभग 1 किलोमीटर की पदयात्रा कर कालचक्र मैदान पहुंचे।
शोभा यात्रा में सब से आगे ड्रेगन डांस करते वियतमानी कलाकार थे।
गया से उमा शंकर की रिपोर्ट