भारतीय जनता पार्टी के दीघा विधायक सह प्रदेश महामंत्री डाॅ0 संजीव चैरसिया ने आज बिहार विधान सभा में दीघा की जनता की आवाज बन कर कहा कि दीघा स्थित किसानों के 1024.52 एकड़ जमीन का विवाद लगभग 42 वर्षो से लंबित है। राजीव नगर की समस्या अत्यन्त ही संवेदनशील है। विगत 42 वर्षों से ज्यादा समय से भूस्वामियों को न तो मुआवजा दिया गया और न ही इस जमीन पर आवास बोर्ड का दखल कब्जा है। नया भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 24 (2) के माध्यम से 1024.52 एकड़ जमीन अधिग्रहण मुक्त हो चुका है। सरकार और आवास बोर्ड अपनी नाकामी को छुपाने के लिए कभी दीघा-आशियाना रोड के पश्चिम पूरे क्षेत्र की घेराबंदी करने, बस स्टैण्ड को भूमि आवंटित करने, थाना एवं अर्द्धसैनिक बलों को भूमि आवंटित करने जैसी निर्णय ले रहा है जो पूरी तरह जन विरोधी है।
श्री चैरसिया ने सदन में 1024.52 एकड़ जमीन अधिग्रहण का विरोध करते हुए कहा की सरकार को इसे तुरंत अधिग्रहण मुक्त करना चाहिए और आवास बोर्ड और पुलिस प्रशासन के द्वारा गरीब किसानों एवं मकान मालिको की जबरन हो रही गिरफ्फ्तारी बंद होनी चाहिए। दीघा विधायक ने दीघा स्थित 1024.52 एकड़ भूमि के अवैध अधिग्रहण के खिलाफ विधान सभा पोटिकों में प्रदर्शन भी किया हाथों में तख्तियों और शरीर पर फ्लेक्स धारण कर डाॅ0 संजीव चैरसिया ने दीघा अधिग्रहण के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया तथा इस मुद्दे पर विधान सभा की कार्यवाही स्थगित कर विमर्श हेतु कार्यस्थगन का प्रस्ताव भी दिया। गौरतलब है क डाॅ0 चैरसिया ने पूर्व में भी विधान सभा के चलते सत्र में प्रश्न के माध्यम से दीघा की विवादीत जमीन का मुद्दा उठाया था लेकिन सरकार ने कोई भी सकारात्मक जबाब नहीं दिया ।