आसनसोल में इन दिनों बिहार की खूब चर्चा चल रही है। आखिर हो भी क्यों नहीं ? पुरे देश में बिहारी बाबु के नाम से चर्चित शत्रुघ्न सिन्हा यहाँ से लोग सभा चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी से बाहर हुए शत्रुघ्न सिन्हा का यहाँ से तृणमूल कांग्रेस से चुनाव लड़कर जीतना एक बड़ा मैसेज देने का कार्य कर सकती है। बीजेपी को इस सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा से एक डर पैदा हो गया है। बीजेपी इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा की सीट बना चुकी है। बीजेपी इस सीट को कितनी गंभीरता से ले रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीजेपी ने पूर्व मंत्री और पटना से जुड़े दोनों सांसदों रविशंकर प्रसाद और रामकृपाल यादव को शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ में चुनाव प्रचार में लगाया है। इस सीट को भाजपा किसी भी कीमत पर शत्रुघ्न सिन्हा के पाले में जाते हुए नहीं देख सकती है।
वहीं दूसरी ओर शाटगन हमेशा की तरह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त और निश्चिन्त मुद्रा में हैं। इस क्षेत्र में बिहार से जुड़े लोग भी इस सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा के लिए अपनी प्रतिष्ठा की सीट बना कर जीत के लिए हर तरह से प्रयास में लगे हैं।
इसी क्रम में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, झारखंड प्रदेश के लोग भी शत्रुघ्न सिन्हा के चुनाव में बढ़-चढ़कर जोरदार ढंग से प्रचार प्रसार कर रहे हैं। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ प्रणव कुमार बब्बू एवं कारपेट विंग झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष राकेश रंजन बबलू के साथ-साथ रांची की टीम भी आसनसोल लोकसभा क्षेत्र में शत्रुघ्न सिन्हा के पक्ष में प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
आसनसोल के कायस्थ महासभा स्थानीय निकाय संजय सिन्हा, बीके सिंह, संतोष सिन्हा, एसके श्रीवास्तव, मिलिंद घोष आदि तृणमूल छात्र परिषद के अभिनव मुखर्जी अर्पित राय आदि से समन्वय बनाकर आसनसोल, बर्नपुर कुल्टी, सलालपुर आदि जगहों में जनसंपर्क किया और शत्रुघ्न सिन्हा के पक्ष में वोट देने की अपील की।
बिहार पत्रिका के लिए सोनाली सिंह की रिपोर्ट