पटना, 07 अगस्त मध्य विद्यालय सिपारा के बच्चों ने भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन (राखी) के त्योहार को लेकर फौजी भाइयों के लिये
राखी बनायी।
राखी का त्योहार इस साल 12 अगस्त के दिन मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन के दिन भाई की लंबी उम्र के साथ खुद की सुरक्षा को एक डोर से बांधने के लिए बहनें राखी बांधती हैं। वहीं, भाई भी बहन की ताउम्र रक्षा करने का वादा करता है। मध्य विद्यालय सिपारा के बच्चों ने राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत शिक्षका डा. नम्रता आनंद के मार्गदर्शन में फौजी भाइयों के लिये राखी बनायी।
इनमें राधा, शिवानी, रिपु,आरुषि, सुरभि, निम्मी,प्रीति, रूपाली,पूजा तान्या,साहिल, सागर, रानी, बिंदिया, किंजल, रिया, लभ,सूरज, संध्या, श्रवण, आदित्या, राखी,खुशी, डॉली, सीमा, ज्याति सागर, उज्जवल,चंचल, प्रीति, किंजल समेत शामिल हैं। खुशी कुमारी रॉखी बनाने में अव्वल रही, वहीं रिया दूसरे और रॉखी तीसरे नंबर पर रही। अन्य बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर विद्लाय के प्रिंसिपल कृष्ण नंदन प्रसाद,राजेश रंजन, श्वेता कुमारी, पद्मावती कुमारी, आभा कुमारी शर्मा, मंजू कुमारी, उर्मिला कुमारी, विद्या कुमारी, नीलम शर्मा ने बच्चों को हौसला बढ़ाया। बच्चों द्वारा बनायी गयी राखी को डा. नम्रता आनंद और शिक्षिका शिखा स्वरूप ने दानापुर कैंट जाकर फौजी भाइयों के कलाई पर बांधी, जिससे उनकी आंखें डब डबा उठी।
डा. नम्रता आंनद , शिखा स्वरूप तथा अन्य महिलाओं ने फौजी भाइयों को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी दीर्घायु होने की कामना की। फौजी भाइयों ने इस पहल पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम हर बार होना चाहिए। इससे पूरे समाज में एक अच्छा सन्देश जाएगा और भाईचारे का माहौल बनेगा।
डा. नम्रता आनंद ने कहा, फौजी भाई हमलोगों की रक्षा में अपने परिवार को छोड़ नि:स्वार्थ होकर हमारी सुरक्षा करते हैं ऐसे में राखी के पावन पर्व पर उनकी कलाई सूनी न रहे और घर से दूर होने पर भी उन्हें घर होने का अहसास हो इसी को देखते हुये यह आयोजन किया गया है।उन्होंने श्री विकास वैभव को धन्यवाद दिया, जिनके आइए मिलकर प्रेरित करें बिहार के द्वारा इन फौजी भाइयों के पास उन्हें जाने का मौका मिला।
उन्होंने कहा, फौजी भाई जो सरहद पर अपने घरों से दूर जाकर अपने बच्चे बीवी माता-पिता परिवार से दूर भारत की रक्षा करते हैं। कोई भी पर्व त्योहार इनके लिए देश की रक्षा के सामने मायने नहीं रखता है। ऐसे भाइयों को दिल से सलाम।उन सारे बच्चों को बहुत-बहुत धन्यवाद जिन बच्चों ने फौजी भाइयों के लिए राखी बनायी।