पुणे के मिथिला विकास मंच ने बाढ़ राहत के लिए मदद का हाथ बढ़ाया।

नेपाल से सटे बिहार के सीमावर्ती जिला में बाढ़ की समस्या हर साल बनी रहती है।

प्रकृति के आगे बेबस इंसान ये कहावत कुछ सही सा लगता है जब हम देखते है बिहार में आये प्रलयकरि बाढ़, उत्तर बिहार में आये प्रलयकारी बाढ़ के वजह से बिहार के कुछ जिले पूरी तरह जलमग्न हो हो गया है जिसमे मुख्यरूप से मधुबनी दरभंगा और सीतामढ़ी पूरी तरह प्रभावित है। जहाँ कुछ गांव तो पूरी तरह जल समाधी ले चूका है ,अचानक बांध टूटने और कोशी बांध से पानी छोड़े जाने के वजह से मधुबनी जिला के नरुआर गांव जहा रात में अचानक पानी आने के वजह से पूरा गांव पूरी तरह पानी में समां गया।

इस बाढ़ के वजह से जहा एक और जान माल का नुकसान हो ही रहा है वही लोगो के लिए पिने का पानी और खाने का समस्या बना हुआ है वही बहुत सारे स्वयं सेवक एवं सामाजिक संगठन खाने पिने के इंतजाम के साथ साथ बाढ़ रहत केकार्यो में लगे हुए है।

मिथिला विकास मंच के अध्यक्ष मिहिर झा ने कहा हम अपने सामाजिक जिम्मेदारी प्रति प्रतिबद्ध है और हमारे लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है और इसलिए ही हमने बाढ़ राहत के लिए मंच के कार्यकर्त्ता एवं प्रवासी मैथिल के सहयोग से 50000 का अनुदान बाढ़ रहत कार्यो के लिए भेजा यह राशि जमीनीस्तर पे काम कर रहे दो अलग अलग स्वयं सेवी संस्था को दिया गया , मिथिला स्टूडेंट यूनियन को 25000 एवं मानव कल्याण केंद्र को 25000 का बाढ़ राहत के लिए दिया गया। इस मानवतावादी कार्यो के लिए मंच को जनता का शुभकानाए एवं आभार मिल रहा है।

Related posts

Leave a Comment