बरसात का मौसम आते हीं सरकार और सत्ताधारी दल के जन प्रतिनिधियों के पसीने छुटने लगते हैं. वहीँ विपक्ष को सरकार को घेरने का एक शानदार मौका मिल जाता है. मौका मिले भी क्यों नहीं. आखिर दशकों पुरानी और जर्जर सिस्टम को ठीक क्यों नहीं कर पा रही है सरकार ? आम पब्लिक के मेहनत की लाखों की कमाई महज एक बरसात में डूब जाती है.
एक दो बारिश में हीं पटना के कई इलाकों से जलजमाव की ख़बरें आने लगी हैं. पिछली बारिश में जो शहर का हाल हुआ था वो सोच कर हीं लोग भयभीत हो जाते हैं. साकार की किरकिरी के साथ हीं अधिकारीयों की पोल भी खुली. पर इससे सरकार और अधिकारीयों ने कितना सबक सीखा ये तो इस बरसात में पता चल हीं जाएगा. हालांकि ऐसे कोई भी नए काम नहीं हुए हैं जिससे यह भरोसा किया जा सके कि इस बार जल जमाव नहीं होगा.
बहरहाल जलजमाव को लेकर राजनीती भी होनी आरम्भ हो गयी है. पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को पटना के जलजमाव वाले क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने पीड़ित लोगों से मुलाकात भी की.
चुकी नेता प्रतिपक्ष हैं तो लाजमी है कि सरकार को घेरने का काम करेंगे हीं.
तेजस्वी यादव ने राजधानी के राजवंशी नगर में महज एक से दो दिन की बारिश में डूब चुके मुहल्लों में भ्रमण किया.
आपको बताते चलें कि पटना में जलजमाव की समस्या का निदान बहुत जल्दी होना संभव नहीं लग रहा है। नाला के काम की धीमी गति इस बार भी पटना को डुबाने का काम करेगी.
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