विपक्षी एकता की हवा निकली, परिवारवाद ही इन दलों और नेताओं का मुख्य लक्ष्य- विजय कुमार सिन्हा

पहली बैठक में ही दिख रही थी फूट,

व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा विपक्षी एकता की सबसे बड़ी बाधा,

विपक्षियों को मात्र अपने परिवार की चिन्ता, देश की नही

पटनाः- 3 जुलाई 2023 भाजपा विधानमंडल दल के नेता  विजय कुमार सिन्हा ने विपक्षी एकता की बैठक दूसरी बार स्थगित होने पर तंज कसते हुए कहा है कि इनकी हवा निकल गई है। इनका मुख्य लक्ष्य अपने परिवार को आगे बढ़ाना है।

श्री सिन्हा ने कहा कि पहले 13-14 जुलाई को शिमला, फिर 17-18 जुलाई को बेंगलूर और अब आगामी अगस्त माह में संभावित विपक्षी एकता की बैठक यह दर्शाता है कि इनमें विभिन्न मुद्दे पर भारी खींचातानी के कारण बार बार जगह औऱ तिथि में परिबर्तन किया जा रहा है। पटना में पहली बैठक में ही इनका आपसी मतभेद स्पष्ट दिख रहा था। 23 जून को पहली बैठक में ही कांग्रेस ने केजरीवाल के मुद्दों को नकार दिया और कार्यवाही का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। बैठक समाप्त होने से पूर्व बाहर जो खबर आ रही थी उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयोजक बनने की चर्चा थी लेकिन प्रेस कान्फ्रेंस में स्पष्ट हो गया कि ऐसी कोई बात नहीं थी।

श्री सिन्हा ने कहा कि विपक्षी एकता में लगे अधिकांश दलों की राजनीति कांग्रेस के विरोध में जन्मी और पनपी है। उन्हें कांग्रेस का नेतृत्व मंजूर नहीं है। बिहार में जदयू के विधायकों और सांसदों को भी राजद अथवा कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। ऐसी परिस्थिति में जदयू के लोग छटपटाहट में हैं और यदि महाराष्ट्र जैसी घटना को अंजाम दें तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।

श्री सिन्हा ने कहा कि विपक्ष में प्रधानमंत्री बनने की महात्वाकांक्षा रखने वाले कई नेता है इसी कारण इनके बीच किसी चेहरे पर सहमति नहीं हो रही है। अपने परिवार को आगे बढ़ाना ही इनका मुख्य लक्ष्य है। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बड़ी टूट भी इसी का नतीजा है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल भी परिवारवाद पर आधारित दल है। यहाँ भी नेतृत्व परिवार के सदस्य के हाथ में ही रहना है।वरिष्ठ औऱ अनुभवी नेताओं को यहाँ तरजीह नहीं मिलने के कारण ये घुटन में हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार की बदहाली के जिम्मेदार महागठबंधन सरकार को राज्य की जनता सबक सिखाने के लिए तैयार है।आज समाज के सभी बर्ग पीड़ित हैं।कानून व्यवस्था से लेकर शिक्षा स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में सरकार की विफलता के कारण जनता पीस रही है।

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