पटना : रविवार को पटना स्थित होटल बुद्धा रेसिडेंसी में भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के तत्वावधान में विश्वकर्मा समाज के अभियंताओं (इंजीनियर्स) की सम्मेलन संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता असिस्टेंट प्रोफेसर इंजीनियर आई सी ठाकुर एवम संचालन दिवाकर शर्मा ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद के कर कमलों से भगवान विश्वकर्मा के तैल्यचित्र पर दीप प्रज्वलित कर पुष्पमाला अर्पित कर किया गया। आयोजको के द्वारा उपस्थित अतिथियों का पुष्प माल्यार्पण कर अंग वस्त्रों से सम्मानित कर अभिनंदन एवम स्वागत किया गया।
भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने कहा की विश्वकर्मा समाज सृष्टि के निर्माता है, इंजीनियरिंग मेरे खून में है। हिंदू धर्म के शास्त्र ऋग्वेद में स्पष्ट है दुनिया के पहला अभियंता भगवान विश्वकर्मा थे। उसी तरह आज के इंजीनियर्स हमारे समाज को आकार देने वाले प्रमुख प्रभावों में से एक है। इंजीनियर्स ने हर पहलू में मानवता में सुधार किया और इसमें उन चुनौतियों को दूर करने की क्षमता है जो विश्वकर्मा समाज अभी भी सामना कर रही है। विश्वकर्मा समाज की वर्तमान एवं भविष्य को बदलने में इंजीनियर्स की महती भूमिका सहायक सिद्ध हो सकता है। बदलते दौर में इंजीनियर्स से समाज की उम्मीदें भी बदली है। विश्वकर्मा समाज यह अपेक्षा करता है की एक इंजीनियर ऐसी सुविधा या तकनीक का निर्माण करे जो न केवल समाज के काम आए बल्कि विश्वकर्मा समाज उसके योगदान को हमेशा याद रखे।
मुख्य अतिथि इंजीनियर विजय शर्मा ने कहा की इंजीनियर्स समाज का भविष्य है। समाज के परिवर्तन में इंजीनियर्स की महती भूमिका रहती है। इंजीनियर्स को नैतिक जागरूकता और तर्क कौशल विकसित करने के संदर्भ में हम में से प्रत्येक के सामने आने वाली दुबिधाओ और निर्णयो से निपटने के लिए कोई विकल्प नहीं है। वही मौके पर बासुदेव शर्मा ने समाज की एकता पर बल देते हुए कहा किसी भी समाज की शक्ति उस समाज की संगठन पर निर्भर करती है। अध्यक्षीय संबोधन में आई सी ठाकुर ने कहा इंजिनियर्स समाज को आकार देते है और हमारे जीने एवम काम करने के तरीके में सुधार करते है।
सुजाता शर्मा, अनिता शर्मा, ह्यूमन राइट के क्राइम कंट्रोल के प्रेसिडेंट आकांक्षा शर्मा, इंजीनियर सुधीर शर्मा, इंजीनियर रंजीत शर्मा, इंजीनियर सौरभ शर्मा, इंजीनियर अरविंद शर्मा, इंजीनियर अजय आजाद, इंजीनियर कमलेश शर्मा, इंजीनियर सौरभ शर्मा, सेवा निवृत सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक ईश्वर चंद्र आदि कई वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में प्रो बी के शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सैकड़ों इंजीनियर्स उपस्थित थे।