पटना, 22 अप्रैल ईद का त्योहार मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है । यह त्यौहार हमारे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है । इसे सभी धर्मों के लोग मिल-जुल कर मनाते हैं । ईद रमजान के महीने के बाद आती है।रमजान के आखरी दिन चाँद को देखने के बाद अगले दिन ईद त्यौहार को मनाया जाता है।ईद इस्लाम धर्म का पवित्र पर्व है।
ईद एकता, प्रेम और भाईचारे की भावना का प्रतीक है। यह त्योहार प्रसन्नता और पारस्परिक मधुर मिलन के भाव को प्रकट करता है।इस दिन लोग नए कपडे पहनते है और सभी गलतिया भुला कर एक दूसरे को ईद की मुबारक देते है।बच्चो को इस दिन अपने बड़ो से ईद पर तोहफा मिलता है जिसे ईदी कहा जाता है।इस त्योहार का मानवता की दृष्टि से सबसे बड़ा उद्देश्य प्रेम एवं भाईचारे को बढ़ावा देना है।रमजान के खत्म होने की खुशी के अलावा ईद पर मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं, कि उन्हें महीने भर रोजा रखने की ताकत दी।
ईद का त्योहार हमें भाईचारे का संदेश देता है, जिससे मिल-जुलकर रहने की प्रेरणा मिलती है। ईद का त्यौहार खुशी और भाईचारे का त्यौहार है। इस त्यौहार पर लोग पुराने गिले शिकवे भूलाकर एक दूसरे के गले ईद का बच्चों को कुछ ज्यादा ही इंतजार रहता है। इस दिन उन्हें ईदी जो मिलती है। बिना किसी भेद-भाव के लोग प्रेम से एक दूसरे से गले मिलते हैं और अपने घर आने वालों को सिवइयाँ खिलाते हैं।
ईद हमारे देश में रहने वाले विभिन्न धर्मावलंबियों के लिए एकता और मिलन के अवसर प्रदान करते हैं। ईद के दिन सभी एक दूसरे से प्रेमपूर्वक गले मिलते हैं।ईद खुशियों का त्योहार है।समग्र मुस्लिम समाज में यह त्योहार नवजीवन का संचार करता है ।यह त्योहार हमें प्रसन्नता, समानता, भाई-चारे एवं निस्वार्थ मेल-मिलाप का संदेश देता है। ईद का पर्व सुख और शांति का संदेश देता है।