पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत 2020 में किया था। इस जन आंदोलन अभियान के तहत भारत सरकार देश को हर क्षेत्र में चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य, चिकित्सा, रक्षा, खाद्यान्न से लेकर तकनीक और नवाचार तक, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है। केंद्र सरकार की यह पहल उन महापुरुषों के सपने को पुनर्जीवित करने जैसा है, जिन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना दशकों पहले देखा था। आखिर कौन भूल सकता है बापू के खादी के प्रति उस लगाव को जो स्वराज की भावना से जुड़ी थी।
7,500 महिलाओं के साथ पीएम ने चलाया चरखा
शनिवार को पीएम मोदी अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित खादी उत्सव के दौरान गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के नए कार्यालय भवन और अटल ब्रिज का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चरखे पर कताई पूजा से कम नहीं है। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान खादी के महत्व को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान खादी को गांधी जी ने देश के स्वाभिमान का प्रतीक बनाया था, लेकिन आजादी के बाद उसी खादी को हीन भावना से देखा गया। ऐसी सोच के कारण खादी और ग्रामीण उद्योग बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गए। आजादी के 75 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने अहमदाबाद में 7,500 बहन बेटियों के साथ चरखे पर सूत कात कर इतिहास रच दिया।
खादी उद्योग में महिला शक्ति का विशेष योगदान
इस दौरान पीएम मोदी ने मातृशक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि देश में खादी की बढ़ती ताकत में महिला शक्ति का प्रमुख योगदान है। खादी एवं ग्रामोद्योग देश की लाखों महिलाओं को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने में मदद कर रही है। प्रशिक्षण मिलने के बाद महिलाएं ना सिर्फ सशक्त हुई है बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में वे बहुमूल्य योगदान दे रही हैं।
खादी का एक-एक धागा आजादी के आंदोलन की ताकत बना
पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि खादी का एक एक धागा आजादी के आंदोलन की ताकत बना था, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर आजाद भारत की नींव रखी। आज विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए खादी का एक एक धागा प्रेरणा स्रोत बन सकता है आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर सकता है। पीएम ने आगे उन्होंने कहा, “खादी जैसी पारंपरिक ताकतें हमें नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती हैं।” उन्होंने कहा कि यह खादी उत्सव स्वतंत्रता आंदोलन की भावना और इतिहास को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है और नए भारत के संकल्पों को प्राप्त करने की प्रेरणा है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) का गठन
केंद्र सरकार ने देश में खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खादी और ग्रामोद्योग आयोग का गठन किया है। इस आयोग का काम देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में खादी और अन्य ग्राम उद्योगों के विकास के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाना, बढ़ावा देना, आयोजन करना और उन्हें लागू करना शामिल है। KVIC सप्लाई के लिए कच्चे माल के भंडारण में भी मदद करता है। आयोग कच्चे माल जैसे सेमी फिनिश्ड वस्तुओं यानि जो पूरी तरह से बन कर तैयार नहीं हुई हैं, उसकी प्रोसेसिंग के लिए कॉमन सर्विस फैसिलिटी के निर्माण पर भी ध्यान देता है। आज केवीआईसी ने खादी उद्योग में कई नौकरियां उत्पन्न करने में मदद की है।
KVIC के उद्देश्य
खादी और ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य लक्ष्य देश में खादी को बढ़ावा देना, रोजगार उपलब्ध करवाना इस उद्योग से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित कर सामानों को बिक्री योग्य बनाना और मजबूत ग्रामीण समुदाय का निर्माण करना प्रमुख है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के तहत देश में कई योजनाएं भी चलाई जा रही है जिसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है।
जाहिर है पीएम मोदी के नेतृत्व में खादी और ग्रामीण विकास उद्योग को एक संजीवनी मिली है, उन्होंने ऐतिहासिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि आने वाले त्योहारों के मौसम में खादी से जुड़े उत्पादों को बढ़ावा दें अपने दोस्त, रिश्तेदार और प्रिय जनों को इसे उपहार के रूप में दें ताकि खादी को बढ़ावा मिल सके।