जातिवाद के जहर के कहर से भ्रष्टाचार रूपी महामारी से जनता है बेहाल: विजय सिन्हा

पटना, 11 अक्टूबर। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को जातिवाद और परिवारवाद पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि सही अर्थो में जातिवाद ही परिवारवाद की जननी है और फिर इसी के पेट से भ्रष्टाचार और अपराध जन्म लेता है। उन्होंने बिहार के युवाओं से लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर परिवारवाद और जातिवाद मिटाने का संकल्प लेने और उसे सिद्धि तक पहुंचाने की अपील की।

भाजपा के नेता ने कहा कि जेपी ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जाति विहीन समाज बनाने और भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने की कल्पना की थी, लेकिन बिहार में 32 वर्षो से सत्ता के केंद्र में रहे बडे भाई लालू प्रसाद और छोटे भाई नीतीश कुमार ने जातिवाद को बढावा देकर समाज में जहर घोलने का काम किया और जेपी की कल्पनाओं और संदेशों को तिलांजलि दे दी।

बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री सिन्हा ने कहा कि दोहरे चरित्र के राजनेता जातियता के जहर से कहर फैलाते हैं और फिर भ्रष्टाचार की लहर चलाते हैं।

उन्होंने कहा कि आज जेपी की जयंती के मौके पर भ्रष्टाचारमुक्त बिहार बनाने का संकल्प लेना होगा जिससे नया बिहार तैयार हो सके। इसके लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट खडे होकर अपनी भूिमका निभानी होगी, तभी इनके भ्रष्टाचारवाद और परिवारवाद से बिहार को मुक्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इन्हीं परिवारवाद, वंशवाद और प्राइवेट लिमिटेडवाद के कारण बिहार की प्रतिभा कुंद हो रही है। अगर आज हम एक अभियान चलाकर एक साथ विरोध प्रारंभ करें तो ऐसा कोई कारण नहीं की बिहार की उन्नति में बाधक बने। बस, जरूरत है एक संकल्प लेने की और सिद्धि तक पहुंचाने की।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री सिन्हा ने लालू प्रसाद को लगातार 12 वीं बार राजद के अध्यक्ष बनाए जाने और पार्टी द्वारा बडे मुद्दे पर बयान नहीं देने के आदेश दिए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कितने भी मेहनती, समर्पित, कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता को तो पहले से ही पार्टी का अध्यक्ष बनने से वंचित रखा गया है अब मुंह खेालने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए परिवारवाद, वंशवाद और प्राइवेट लिमिटेडवाद की पाटियां तैयार हो गई है, जो सामूहिकता और सांगठनिक चुनाव के ढकोसला कर राजनीति तैयार किया हैै।

उन्होंने राजद के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि जब भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने लगे तो पत्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी थी अब जब स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा है तो पार्टी के बडे निर्णय लेने का अधिकार बेटे को सौंप दिया।

उन्होंने कहा कि क्या राजद में एक ही युवा प्रतिभाशली है जो पार्टी का नेतृत्व कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब समय आग गया है कि जेपी के सिद्धांतों के विपरीत कार्य करने वाले इस तानाशही और हिटलरशाही का प्रतिवाद किया जाए।

उन्होंने कहा कि जेपी ने सत्ता त्यागकर सिद्धांत को अपनाया था। जातिविहीन समाज और भ्रष्टाचारमुक्त राष्ट्र का संकल्प कराया था। आईए, जेपी की जयंती पर जातिवाद, भ्रष्टाचार रूपी महामारी को दूर कर बिहार को स्वस्थ बनाने का हम भी लें संकल्प।

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