पटना, 03 अप्रैल राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत और सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद को राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित गांधी शिल्प बाजार 2022 में सम्मानित किया गया।
राजधानी पटना के गांधी मैदान में विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय , भारत सरकार नयी दिल्ली द्वारा प्रायोजित और अम्बपाली हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प बहुरजीय सहकारी समिति पटना द्वारा गांधी शिल्प बाजार 2022 का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद के निर्देशन में राजधानी पटना के कुरथौल स्थित फुलझड़ी गार्डन स्थित दीदीजी फाउंडेशन संस्कारशाला के बच्चों ने बिहार फोक डांस, राधा-कृष्ण और शिव तांडव गीतों पर प्रस्तुति दी। वहीं डा. नम्रता आनंद द्वारा संचालित हर्षा म्यूजिकल ग्रुप के कलाकार दिवाकर कुमार वर्मा, कुमार संभव और प्रेम कुमार ने प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर अम्बपाली हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प बहुरजीय सहकारी समिति पटना की अध्यक्ष अर्चना सिंह ने डा. नम्रता आनंद को मोमेंटो और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अनुराग समरूप, रंजीत ठाकुर समेत कई अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे। डा. नम्रता आनंद ने उन्हें सम्मान देने के लिये और दीदीजी फाउंडेशन संस्कारशाला के बच्चों और हर्षा म्यूजिकल ग्रुप के कलाकरों को गांधी शिल्प बाजार 2022 मंच देने के लिये अर्चना सिंह का शुक्रिया अदा किया है।
गौरतलब है कि डा.नम्रता आनंद करीब दो दशक से महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम कर रही है। डा. नम्रता आनंद महिलाओं को समाज में उचित एवं सम्मानजनक स्थिति पर पहुँचाने के लिए अपनी संस्था के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर आधारित कई कार्यक्रम का आयोजन कर चुकी है। डा. नम्रता आनंद को हाल ही में सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की ओर से आयोजित महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया है। डा. नम्रता आनंद ने बताया कि वर्ष 2020 में उन्होंने कुरथौल के फुलझड़ी गार्डेन में संस्कारशाला की स्थापना की। संस्कारशाला के माध्यम से गरीब और स्लम एरिया के बच्चों का नि.शुल्क शिक्षा, संगीत, सिलाई-बुनाई, पेंटिंग और डांस का प्रशिक्षण दिया जाता है। डा. नम्रता आनंद ने बताया कि समाजसेवी मिथिलेश सिंह और चुन्नू सिंह ने उन्हें नि:शुल्क संस्कारशाला की व्यवस्था की है जिसके लिये वह उनका आभार प्रकट करती हैं।
उन्होंने बताया कि दीदीजी फाउंडेशन को अभी तक कोई भी सरकारी सहायता नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि सरकारी सहायता के बिना मैं अपना काम नहीं रोक सकती। समाज सेवा के लिये कोई प्लनिंग नहीं करती। मेरी कोशिश होती है किसी की जरूरत पर मै उपलब्ध रहूं। मैं यही करती हूं और समाज सेवा होती चली जाती है।