स्वतंत्र भारत के प्रथम बलिदानी थे डॉ. मुखर्जी – भारतभूषण

स्वतंत्र भारत के प्रथम उद्योग मंत्री और भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 70 वें बलिदान दिवस पर अखिल भारतीय जनसंघ की ओर से फ्रेंड्स कॉलोनी कार्यालय में श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष सत्येन्द्र नारायण सिंह ने की।

इस अवसर पर मुख्य – वक्ता के रूप में बोलते हुए जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य भारतभूषण पाण्डेय ने कहा कि देश की दुरावस्था को दूर करने के लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति पद से स्वतंत्रता से पहले त्यागपत्र दिया और स्वतंत्रता के बाद केन्द्रीय मंत्री पद से त्यागपत्र दिया और अंत में जम्मू और कश्मीर के पूर्ण विलय के बावजूद जारी दो प्रधान,दो विधान और दो निशान के विरुद्ध श्रीनगर जेल में आत्मोत्सर्ग कर दिया। जनसंघ और इसके संस्थापक ने देश के लिए पद – प्रतिष्ठा और प्राणों का त्याग कर दिया जबकि आज पद – प्रतिष्ठा और सत्ता – सुविधा के लिए किसी भी हद तक गिरना राजनीति का पर्याय बन गया है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता से पहले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आधे पंजाब और आधे बंगाल को पाकिस्तान में जाने से बचाया और स्वतंत्रता के बाद उन्होंने बलिदान देकर जम्मू और कश्मीर की रक्षा की। आचार्य ने कहा कि नेहरू – लियाकत संधि के विरुद्ध डॉ मुखर्जी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और नेहरूवादी नीतियों और कार्यक्रमों के विकल्प में राष्ट्रवादी – यथार्थवादी जनसंघ को खड़ा किया। आज विपक्षी दलों की पटना में बैठक हो रही है किंतु कोई विकल्प नहीं है। एकमात्र उद्देश्य सत्ता में आना है।

ऐसे में विकल्प विहीन नेता और नीति देश का कैसे भला कर पायेंगे। जनसंघ अध्यक्ष ने कहा कि जब तक महंगे चुनाव होते रहेंगे तब तक भ्रष्टाचार और मंहगाई को कोई नहीं रोक पाएगा। चुनाव आयोग प्रत्याशियों का प्रचार करे और चुनावों में प्रत्याशी स्वयं खर्च न करें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी तभी अपराधी, बाहुबली और धनबली लोगों के स्थान पर सामान्य जन और कार्यकर्ताओं की जीत होगी। उन्होंने कहा कि मणिपुर में पक्ष – विपक्ष के दिग्गज नेताओं को एकसाथ अशांत क्षेत्रों में पदयात्रा करनी चाहिए। पाकिस्तान में आए दिन अवयस्क बच्चियां हैवानियत का शिकार हो रही हैं और उनके परिजन नारकीय यातना भोग रहे हैं किंतु देश – विदेश में राजनीतिक दल और तथाकथित मानवाधिकारवादी मौन हैं।

जनसंघ पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अलग होमलैंड मांगने की मांग करता है जिसे भारत सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए। जनसंघ अध्यक्ष ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने पर कांग्रेस पार्टी की आपत्ति को अत्यंत निंदनीय बताते हुए कहा कि भारतीय दर्शन, ज्ञान – विज्ञान और मूल्यों का तथा हिंदुत्व का विरोध करनेवाली यह पार्टी भारत के लिए सर्वाधिक अहितकर है। धन्यवाद ज्ञापन जिलाध्यक्ष अखिलेश्वर नाथ तिवारी ने किया। इस अवसर पर विश्वनाथ दूबे, डॉ सत्य नारायण उपाध्याय, महेंद्र पांडेय, नर्मदेश्वर उपाध्याय, अमरनाथ तिवारी, ब्रजकिशोर पांडेय, डॉ कुमार शीलभद्र, सियाराम दूबे, सुरेंद्र कुमार मिश्र, उमेश सिंह कुशवाहा समेत प्रमुख नेता उपस्थित थे।

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