टीबी से को जड़ से मिटाने का उद्देश्य से आयोजित हुआ दोस्ताना क्रिकेट मैच

रविवार को टीबी मुक्त बिहार बनाने तथा टीबी रोग के खिलाफ जागरूकता बढाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार के राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के पदाधिकारी/कर्मी और टीबी चैंपियन (क्षय वीर-टीबी से ठीक हो चुके व्यक्तियो) का एक संगठन “टीबी मुक्त वाहिनी”, के साथ एक दोस्ताना क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। प्रातः 11 बजे इंदिरा गाँधी आय़ॅूविज्ञानं संस्थान पटना के खेल परिसर में टीबी से को जड़ से मिटाने का उद्देश्य लिए यह खेल खेला गया। राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी खालिद अरशद द्वारा इस मैच का शुभारंभ किया गया

मैच का उद्देश्य भेदभाव को खत्म करना है

उक्त मैच का उद्देश्य टीबी रोगियो के साथ होने वाले भेदभाव को खत्म करना तथा सरकारी एवं निजी क्षेत्रों मे टीबी बीमारी के उन्मूलन हेतु सरकार द्वारा चलाये जा रहे राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के अंतर्गत उपलब्ध कराये जा रहे मुफ्त सुविधाओं को आम लोगों तक पहुचाना था। उक्त सुविधाओं में मुफ्त जाँच, उपचार एवं इलाजरत टीबी मरीजो को 500 रुपये प्रति माह पोषण सहयोग राशि उपलब्ध कराई जा रही है

मैच में टीबी मुक्त वाहिनी ने 10 रनों से की जीत हासिल

उक्त दोस्ताना क्रिकेट मैच में टीबी मुक्त वाहिनी (क्षय वीर-टीबी से ठीक हो चुके व्यक्तियों) के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 रनों से जीत हासिल की। मैन ऑफ द मैच की ट्रॉफी श्री पियुश चंदन ने हासिल की। वहीं बेस्ट बैट्समैन टीबी चांपियंस की ओर से सुमन आनंद रहे, जबकि बेस्ट बॉलर का खिताब टीबी चांपियंस के नीतिश भारद्वाज ने हासिल किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीबी चैंपियंस की टीम ने 20 ओवरों में 82 रन मारे। वहीं दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार की टीम 72 रनों पर ही सिमट गई।

भारत सरकार का 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य

भारत सरकार ने 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत टीबी चैंपियन के भूमिका को महत्वपूर्ण माना है। इनके माध्यम से स्थानीय स्तर पर टीबी मरीजो को होने वाली परेशानियो को हल करने में मदद मिलती है तथा अन्य तरह की होने वाली परेशानियो को चिन्हित कर उसके निराकरण के लिए उपाय निकाले जा सकते हैI वर्त्तमान मे टीबी मुक्त वाहिनी के सदस्य टीबी मरीजो के बेहतरी के लिए मुख्यतः तीन विषयों पर काम कर रहे है-

1. टीबी मरीजो के साथ मिलकर उनको मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करते हुए दवा का नियमित सेवन एवं समय-समय पर जाँच करवाने के लिए प्रेरित करना तथा उनके परिवार के सदस्यों को सामाजिक तौर पर सबलता प्रदान करना I

2. टीबी मरीजो के प्रति होने सामुदायिक स्तर पर भेदभाव तथा फैली हुई भ्रांतियों को खत्म करने के लिए लोगो में जागरूकता फैलाना, इसके लिए जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि, स्कूल, महाविदयालय, महिला समूह, स्वास्थ्य संस्थानो तथा स्वास्थ्य प्रक्षेत्रो से जुड़े कर्मियो, धार्मिक धर्म गुरुओ तथा समाज के अन्य वर्गों के साथ जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है I

3. टीबी मरीजो को बेहतरी के लिए समाज के प्रमुख हितधारको के साथ मिलकर सरकार के तरफ से मरीजो के दिए जा रहे सुविधाओ एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओ का लाभ दिलवाना सुनिश्चित करना।

टीबी मुक्त वाहिनी बिहार के 18 जिलो कर रही है काम

टीबी मुक्त वाहिनी बिहार के 18 जिलो में अपने 350 टीबी चैंपियनो के माध्यम से काम कर रही है। यह भारत की पहली टीबी चैंपियन की संस्था है और जिसका पंजीकरण सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 में हुआ है, वर्त्तमान में टीबी मुक्त वाहिनी के सदस्य राष्ट्रीय/राज्य/जिला स्तर पर सरकार के द्वारा टीबी रोग के विषय पर बनाई गयी समितियो के सदस्य के रूप में रह कर टीबी मरीजो के हित के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है।

बिहार में टीबी के कुल 1,04, 930 मरीज

आज टीबी बीमारी एक गंभीर सामाजिक बीमारी लेकर समाज में अपना पैर जमाया हुआ है। साल 2018 मे पुरे भारत में 26.9 लाख टीबी के नए मरीज पाये गए और तक़रीबन 1232 लोगो की प्रतिदिन मौत हुई, वही बिहार में टीबी के कुल 1,04, 930 मरीज पाये गए। (Source- India TB report 2019) अत: इस बीमारी के विरुद्ध सभी आमजनों को एकजुट होकर मुकाबला करने की जरुरत है।

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