डा .नाजिया मजीद हसन बनी रूबरू मिसेज इंडिया 2019 सेकेंड रनर अप
चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुकी डा .नाजिया मजीद
हसन ने अब रूबरू मिसेज इंडिया 2019 सेकेंड रनर अप का ताज जीतकर मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में भी सफलता का परचम लहरा दिया है।श्रीमती नाजिया
मजीद हसन ने हाल ही में दिल्ली में आयोजित रूबरू मिसेज इंडिया
प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और सेकेंड रनर अप का ताज अपने नाम कर लिया।
बिहार के दरभंगा जिले में जन्मीं नाजिया के पिता श्री मोहम्मद शाहरूख मजीद आईपीएस ऑफिसर थे
जबकि मां श्रीमती अंजुम अफशां गृहणि थी। उनके छोटे भाई जोहैब मंजीद हैं। माता-पिता घर की लाडली बड़ी बेटी को डॉक्टर बनाने का ख्वाब देखा करते थे।उन्होंने अपनी प्रारभिक शिक्षा देहरादून के वेलहम गर्लस् स्कूल में रहकर पूरी की।मैट्रिक की पढ़ाई देहरादून के से पूरी करने के बाद वह पटना आ गयी जहां उन्होंने डीपीएस से इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की।माता-पिता की आज्ञा को सिरोधार्य मानते हुये
नाजिया ने कटिहार मेडकिल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान उन्हें कॉलेज में मिस फ्रेशर के खिताब से नवाजा गया। इसी दौरान उनकी शादी आईआरएएस अधिकारी श्री मंजर हसन से हो गयी। नाजिया अपनी मौसेरी बहन और चिकित्सक शेमीना हाजरा से प्रभावित थी और वह चाहती थी कि बहन की तरह वह
भी मरीजों की सेवा करे। एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद नाजिया ने एमजीएम कॉलेज जमशेदपुर से इंटर्नशिप पूरी की।बतौर चिकित्सक नाजिया ने अपने करियर की शुरूआत झारखंड के चाइबासा में मेडिकल ऑफिसर पर शुरू की।इसके बाद उन्होने जमशेदपुर में नारायणा हृदनाय अस्पताल में मेडिकल
ऑफिसर के तौर पर काम किया। नाजिया की मेहनत रंग लायी और उन्हें वर्ष 2017 में राजधानी पटना के प्रतिष्टित रूबन मेमोरियल अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर बनने का अवसर मिला।
नाजिया सामाजिक क्षेत्र में भी काम करना चाहती थी। वह कुछ निजी स्वयं सेवी संगठन से जुड़कर समाज सेवा में लगी हैं।श्रीमती नाजिया का कहना है कि इंसान होने के नाते हमारा पहला धर्म मानवता का परिचय देना है। लेकिन आज समाज जिस दिशा पर जा रहा है। उसको देखकर ऐसा अहसास होता है
कि इंसान में इंसानियत का और आत्मियता का अभाव होता जा रहा है, लेकिन समाज के कुछ लोग ऐसे भी हैं जो समाजसेवा के माध्यम से मानवता का परिचय देते रहते हैं। जीवन में समाजसेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं है। समाज के प्रत्येक नागरिक को अपने सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ
समाजसेवा के लिए भी समय अवश्य निकालना चाहिए। यह सेवा भाव उन्होंने अपनी महान समाजसेविका और भारत रत्न मदर टेरेसा से सीखी है।
श्रीमती नाजिया हसन का मानना है कि महिलाओं में अपरिमित शक्ति और क्षमताएँ विद्यमान हैं। व्यवाहरिक जगत के सभी क्षेत्रों में उन्होने
कीर्तिमान स्थापित किये हैं। अपने अदभुत साहस, अथक परिश्रम तथा दूरदर्शी बुद्धिमत्ता के आधार पर विश्वपटल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब
रहीं हैं। मानवीय संवेदना, करुणा, वात्सल्य जैसे भावो से परिपूर्ण अनेक
नारियों ने युग निर्माण में अपना योगदान दिया है।प्रत्येक महिला को अपना महत्व समझना चाहिए और उनमें अपनी प्रगति के लिए प्रयास करने का साहस होना चाहिए।नई सदी की नारी के पास कामयाबी के उच्चतम शिखर को छूने की अपार
क्षमता है। उसके पास अनगिनत अवसर भी हैं। जिंदगी जीने का जज्बा उसमें
पैदा हो चुका है। दृढ़ इच्छाशक्ति एवं शिक्षा ने नारी मन को उच्च
आकांक्षाएँ, सपनों के सप्तरंग एवं अंतर्मन की परतों को खोलने की नई राहnदी है।नारी की साहसिक यात्रा अपने आकाश के साथ स्वतंत्रता की सांस ले रही है। आज महिलाएं फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी बातें शेयर
कर रही हैं। देश दुनिया की खबर रखती आज की नारी घर और दफ्तर में बखूबी तालमेल स्थापित कर रहीं हैं। समय के साथ खुद को अपडेट करती हुई अपनी बेटी को भी स्वालंबी बना रहीं हैं। कोमल है कमजोर नही है शक्ति का नाम नारी है जग को जीवन देने वाली मौत भी तुझसे हारी है
फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन को रोल
मॉडल मानने वाली नाजिया हसन फैशन की दुनिया में भी पहचान बनाना चाहती थी।
इसी दौरान सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिये उन्हें पता चला कि
राजधानी पटना में रूबरू मिसेज इंडिया का आयोजन किया जा रहा है।
रूबरू और आईग्लैम की ओर से आयोजित ऑडिशन में उन्होंने हिस्सा लिया और मिसेज बिहार फर्स्ट रनर अप और आईग्लैम फेस ऑफ बिहार के खिताब से नवाजी गयी। इसके बाद
उन्होंने दिल्ली में हुये मिसेज रूबरू इंडिया के फिनाले में बिहार का
प्रतिनिधित्व किया और सेकेड रनर अप विजेता का ताज अपने नाम कर लिया। वह अब मिसेज सुपर मॉडल वर्ल्ड वाइड में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही
है।नाजिया हसन ने कहा कि मैं आईग्लैम की निदेशक और रूबरू इस्ट इंडिया की निदेशक देवाजानी मित्रा का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ जिन्होंने इतने बड़े स्तर का शो आयोजन किया। नाजिया को खाली समय में ट्रैवलिंग का बेहद शौक है। नाजिया को बैंडमिंटन खेलने में भी काफी रूचि है और वह वर्ष 2003 में हुये अम्बेडकर टूर्नामेंट में जीत हासिल कर चुकी
हैं। उन्होने बताया कि वह जल्द ही अपनी क्लिनीक खोलने जा रही हैं जहां सप्ताह में एक दिन गरीब लोगों का नि:शुल्क इलाज किया जायेगा। नाजिया ने सफलता की नयी इबारत लिखी है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने शुभचितंकों और
खासकर मां को देती हैं जिन्होने उन्हें हर कदम सपोर्ट किया है। नाजिया
अपनी सफलता का मूल मंत्र इन पंक्तियों में समेटे हुये है।
:: तू है बेगाना खराम ए अंदरू के राज से :
छेड़ता है क्यू नहीं साज ए हुनर को एक बार :