तीन दिन के अंदर सम्पूर्ण विवरणी उपलब्ध कराने का डीएम ने दिया निदेश

पटना। समाहर्ता पटना डॉ चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में में पटना जिला के गजेटियर के प्रकाशन हेतु जिलास्तरीय गजेटियर प्रारूप प्रकाशन समन्वय समिति की बैठक हुई। इसमें प्रारूप प्रकाशन में प्रगति की समीक्षा की गई। गजेटियर के प्रकाशन के लिए पदाधिकारियों को पावर प्वायंट के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया तथा आवश्यक जानकारी दी गई।

डीएम डॉ सिंह ने जिला गजेटियर के उद्देश्य एवं भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गजेटियर जिला का इन्फ ॉर्मेशन बैंक होता है। यह जिले के बारे में सर्वाधिक प्रामाणिक सरकारी दस्तावेज होता है। इसमें न केवल जिले का इतिहास होता है बल्कि उस जिले के बारे में एक.एक तथ्य की भी जानकारी होती है। इसमें साहित्य एवं संस्कृति, शिक्षा, भूगोल एवं प्राकृतिक संसाधनए प्रशासनए विधि.व्यवस्था एवं न्याय, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, पर्यटन, बैंकिंग सहित सभी तरह की सूचना एवं विवरणी रहती है।

इसका उपयोग प्रशासकए शोधकर्ताए पत्रकारए विद्यार्थीए पर्यटकए राजनेताए उद्योगपति एवं अन्य जिज्ञासु करते हैं। किसी अन्य पुस्तक में विविध विषयों पर इतनी विस्तृत, रोचक और प्रामाणिक सामग्री एक साथ उपलब्ध नहीं होती। डीएम डा सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा पटना एवं दरभंगा जिला को जिला गजेटियर के पुनर्निरीक्षण रिविजन हेतु पायलट जिला के तौर पर चुना गया है। गजेटियर के लेखन हेतु राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा निर्धारित अध्याय एवं शीर्ष के अंतर्गत पटना जिला गजेटियर की पाण्डुलिपि तैयार किया जाना है।

डीएम डॉण् सिंह ने कहा कि पटना जिला गजेटियर का अंतिम प्रकाशन वर्ष 1970 में हुआ था। पिछले 50 साल में गतिविधियों में बहुत अधिक परिवर्तन एवं विस्तार हुआ है। जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि लगभग 25 विभागों के जिलास्तरीय कार्यालयों से प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। डीएम डॉ सिंह ने शेष विभागों के पदाधिकारी को भी निदेश दिया कि आंकड़ों एवं तथ्यों का संकलन करते हुए समसामयिक एवं लोकोपयोगी सूचनाओं तथा विवरणियों को तीन दिन के अंदर उपलब्ध कराया जाए।

Related posts

Leave a Comment