पटना, 05 सितंबर सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने शिक्षक दिवस 05 सितंबर के अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र उल्लेखनीय योगदान देने वाले 51 शिक्षकों को डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया।
कार्यक्रम की शुरूआत डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यापर्ण कर की गयी, इसके बाद दीप प्रज्जवलन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सांसद रामकृपाल यादव, जदयू नेता राजीव रंजन प्रसाद, अनिल सुलभ, सुनील कुमार सिन्हा ,श्वेता झा, अनिल कुमार वर्मा, अनुराग श्रीवास्तव मौजूद थे, जिन्हें फूल बुके, मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन स्वर्णलता शर्मा, प्राची सिंह ने किया।
मौक़े पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने कहा कि सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रो. अनंत प्रसाद साहू, प्रो. अरूण कुमार सिंह, प्रो. सुनील सिन्हा, प्रो. डा. ए आर सिद्दिकी, प्रो.राम प्रवेश यादव, प्रो. डा अनुराधा सहाय, प्रो. डा. राजेश वर्मा, डा. नीता मेहता, प्रो. डा ओम प्रकाश महतो,डा. मनोज कुमार,
डा. अरविंद कुमार, डा. अनिल कुमार सिन्हा, डा. नीलम गोयल, डा. अनिल कुमार, प्रो. डा. उषा प्रसाद, माला कुमारी, श्याम बिहारी प्रभाकर, परिमल कुमार,तृप्ति श्रीवास्तव,मोहम्मद नुरल होदा, प्रतिभा कुमारी, समीर परिमल,शगुफ्ता यासमीन, सुनील कुमार सिंह, नयन रंजन सिन्हा, सुधीर वर्मा, विपिन कुमार, आशुतोष कुमार, सिमरन दुरक्षा, डा.सर्वदेव प्रसाद गुप्ता, मनीषा कुमारी, प्रवीण कुमार, राजेश दि्वेदी, शिखा स्वरूप, आनंद आशीष, आलोक कुमार सिन्हा, रजनीश रंजन, कुंदन तिवारी, प्रवीण बादल, रवि रंजन प्रसाद, रवि प्रकाश, देव कुमार लाल, सुबोध नंदन सिन्हा, पंखुरी श्रीवास्तव, मुकेश ओझा, प्रमुख हैं।
डा. नम्रता आनंद ने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक विद्वान और महान शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के अमूल्य 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में इस देश के भविष्य को संवारने में दिये थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए हर वर्ष उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि दीदीजी फाउँडेशन लगातार बेहतर कार्यक्रम करता रहता है। आज का यह कार्यक्रम भी प्रासंगिक है। शिक्षकों का सम्मान विशेष होता है और आज ऐसे कार्यक्रम क़ी ज़रूरत है । इसके साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में डाक्टरी राधा कृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला।
जदयू नेता राजीव रंजन ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और हमारे व्यक्तित्व के निर्माता होते हैं। डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन हमें उच्च गुणों को आत्मसात कर एक आदर्श शिक्षक बनने की प्रेरणा देता है। डा. राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्षो शिक्षक के रूप में व्यतीत किया उन्हें आदर्श शिक्षक के रूप में याद किया जाता हैं उनका जन्मदिन 05 सितम्बर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया जाता हैं।
अनिल सुलभ ने अपने सम्बोधन में कहा कि गुरु जलते हुए दीपक की तरह स्वयं जलकर, हमारी जिंदगियों में उजाला भरते हैं। भारतीय संस्कृति में गुरु का बहुत अधिक महत्व है।
इस अवसर पर मुकेश महान, मिथिलेश सिंह, दिवाकर कुमार वर्मा, बसंत सिन्हा, प्रेम कुमार, मुरली श्रीवास्तव, लक्ष्मी सिन्हा, राजन कुमार, रंजना कुमारी, चंदा कुमारी, सुनीता मिश्रा सुधीर मधुकर, कुमार संभव, अखौरी योगेश कुमार, नीता सिन्हा, चेतन थिरानी, मधु मंजरी, रजनी वर्मा, कमल नयन, संदीप स्नेह, रंजना कुमारी, रंजीत ठाकुर, निरंतरा हर्षा, नियति सौम्या भी मौजूद थे।