पाकिस्तान ने शुक्रवार को कबूल किया कि अंडवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम उसकी जमीन पर है. लेकिन उसे अपनी बातों से पलटने की पुरानी आदत है और इस बार भी उसने ऐसा ही किया है. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के कराची में होने के कबूलनामे से पाकिस्तान एक बार फिर पलट गया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारित तौर पर इस बात को नकार दिया है की दाऊद पाकिस्तान की जमीन पर है. पाकिस्तान ने कहा है कि दाऊद इब्राहिम उसकी जमीन पर नहीं है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह, भारतीय मीडिया में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर कुछ सूचीबद्ध व्यक्तियों (दाऊद इब्राहिम) की उपस्थिति को स्वीकार किया है. ये रिपोर्ट गलत है और इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है.
पेरिस स्थित एफएटीएफ ने जून, 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला था और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक कार्ययोजना लागू करने को कहा था. सरकार ने 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएं जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन इब्राहीम पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी. खबरों के अनुसार, आतंकी संगठनों और उनके आकाओं की सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को सील करने के आदेश दिए गए हैं. इमरान सरकार की ओर से जारी सूची में दाऊद के नाम के साथ दस्तावेज में उसका पता व्हाइट हाउस, कराची बताया गया है.
बता दें कि पाकिस्तान हमेशा से ही दाऊद के अपने यहां होने की बात से इनकार करता रहा है. 1993 में मुंबई सीरियल धमाकों का जिम्मेदार बाद दाऊद पाकिस्तान भाग गया था. इस्लामाबाद लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि उसने दाऊद को शरण दी है. इन धमाकों में 257 लोगों की जान चली गई थी और करीब 1400 लोग घायल हुए थे. भारत कई बार पाकिस्तान से दाऊद इब्राहिम को सौंपने के लिए कहा चुका है.
पाकिस्तान की ओर से यह पहला आधिकारिक बयान था कि वह दाऊद इब्राहिम को शरण दे रहा है. इसे स्वीकार करने और दाऊद के ठिकाने को उजागर करने के पीछे पाकिस्तान की चाल है. दरअसल, वह FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में जुटा है. पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट होने से बचना चाहता है. दरअसल, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान ने 88 आतंकी संगठनों और उनके आकाओं की लिस्ट जारी की. इसमें उनपर प्रतिबंध लगाने का दावा किया गया. इस लिस्ट में दाऊद इब्राहिम का नाम भी शामिल है. पाकिस्तान नहीं चाहता कि उत्तर कोरिया और ईरान के बाद वह इस लिस्ट में शामिल होने वाला तीसरा देश बन जाए.