दरभंगा :- इस बार दरभंगा स्नातक चुनाव 2020 में युवा समाजसेवी रजनीकांत पाठक का नाम तेजी से उभरा है। मूल रूप से बखरी के निवासी रजनीकांत पाठक सोशल वेलफेयर में मास्टर डिग्री हैं।सामाजिक गतिविधियों में पिछले 15 वर्षों से सक्रिय रहे हैं।
देश स्तर पर कई संस्था इन्हें सम्मान भी कर चुकी है। जुलाई 2019 से स्नातक के दरबार में कार्यक्रम चला कर रजनीकांत पाठक ने वैसे सामान्य स्नातक को भी दरभंगा स्नातक एमएलसी चुनाव का मतदाता बनने के लिये प्रेरित किया जो आज तक इस चुनाव की प्रक्रिया से अनजान थे।
दरभंगा स्नातक के कुल 77 प्रखण्ड में जाकर रजनीकांत पाठक ने “स्नातकों के दरबार में” कार्यक्रम चला कर इस बार सामान्य स्नातक को भारी संख्या में मतदाता बनाने में कामयाबी हासिल की है।
रजनीकांत पाठक बताते हैं कि इस बार का चुनाव गुपचुप नहीं होने जा रहा है।इस बार स्नातक मतदाता परिवार के ख़िलाफ़ है।मधुबनी,दरभंगा,समस्तीपुर और बेगुसराय में एक अनुमान के अनुसार 50 से 60 प्रतिशत नए मतदाता बने है।इस बार 25 से 40 वर्ष के उम्र के मतदाता 60 प्रतिशत से भी अधिक हैं।
आपको बता दें कि समाजवादी सोच रखने वाले रजनीकांत पाठक से किसी दल से समर्थन संबंधित बात पूछी जाती है तो मुस्कुरा कर सवाल टालते हुए कहते हैं इस बार लोग दिल की सुनेंगे और दिल जो कहेगा वही करेंगे. रजनीकांत पाठक वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और फिलहाल इसके संरक्षक हैं. सरल हृदय और मीठी बोली के चलते बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन इन्हें मिल रहा है.
रजनीकांत पाठक के मैदान में आने से साधारण मतदाता खुद को सहज महसूस कर रहे हैं और हर जाति वर्ग का समर्थन मिलने की उम्मीद लिए रजनीकांत पाठक भी जमकर पसीना बहा रहे हैं.बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले विधानसभा परिषद के चुनावों को प्रदेश की सत्ता का सेमीफाइल माना जा रहा है।
बिहार में 29 विधान परिषद की सीटें मई के पहले सप्ताह में रिक्त हो रही हैं, ऐसे में इन एमएलसी सीटों पर चुनाव होने हैं। विधान परिषद के चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और जेडीयू की एनडीए और महागठबंधन की असल परीक्षा देखने को मिलेगी।
स्नातक और शिक्षक कोटे की विधान परिषद सीटों पर चुनाव के लिए प्रक्रिया जारी है। पटना, दरभंगा और तिरहुत में दोनों कोटे के चुनाव होने हैं. कोसी में सिर्फ स्नातक कोटे का चुनाव होगा। स्नातक कोटे से नीरज कुमार (पटना), दिलीप कुमार चौधरी (दरभंगा), डॉ. एनके यादव (कोसी) और देवेशचंद्र ठाकुर (तिरहुत) को अपनी ताकत दिखानी होगी।
दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में इसबार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। सामजसेवी रजनीकांत पाठक की जोरदार तैयारी और युवाओं में लोकप्रियता पूर्व एमएलसी विनोद कुमार चौधरी और वर्त्तमान MLC दिलीप कुमार चौधरी के लिए मुश्किलें खड़ा करता नज़र आ रहा है।
मूल रूप से बखरी के निवासी रजनीकांत पाठक सोशल वेलफेयर में मास्टर डिग्री हैं। सामाजिक गतिविधियों में पिछले 15 वर्षों से सक्रिय रहे हैं। देश स्तर पर कई संस्था इन्हें सम्मान भी कर चुकी है। मिथिला- मैथिली आंदोलन के प्रति ख़ास रूचि रखने के कारण मिथिला क्षेत्र का सबसे बड़ा और सक्रीय संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन उनको अपना समर्थन दे रहा है। संगठन के वरीय पदाधिकारी नीरज शेखर की माने तो स्नातक युवाओं की एक बड़ा तबका संगठन के साथ जुड़ा है। और वो रजनीकांत पाठक के लिए लगातरा रणनीतिक तरिके से काम कर रहे हैं।
रजनीकांत पाठक को लेकर यह बात भी कहीं जा रही है कि वो विधान परिषद पहुँचने पर मिथिला राज्य की मांग को मजबूती से उठाएंगे। बता दें कि उत्तर बिहार के लोग दशकों से अलग ‘मिथिला राज्य’ की मांग को लेकर आंदोलनरत है। लेकिन आंदोलन को राजनीतिक संरक्षण नहीं होने कारण अबतक अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है। बिहार के पूर्व महाधिवक्ता एवं भाजपा नेता पं० ताराकांत झा मिथिला राज्य आंदोलन में सक्रीय रहे थे। लेकिन विधान परिषद सदस्य बनते ही उन्होने इस आंदोलन को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
ऐसे में रजनीकांत पाठक इस मुद्दे को लेकर प्रमुखता से आगे बढ़ते हैं और जीतने के बाद सदन के पटल पर मजबूती से रखते हैं तो इस क्षेत्र के लोगों की पुरानी मांग और दशकों पुराने अंदोलन को नई दिशा मिल सकती है। बहरहाल चुनाव परिणाम क्या आता है ये तो आने वाला समय बताएगा।