पटना : राजधानी के दीघा स्थित सेंट डोमिनिक सेवियो हाई स्कूल में बच्चों के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में स्कूल के बच्चों को आयुर्वेद के साथ मानसून में रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं और बीमारी से कैसे लड़ें इस बारे में जागरुक किया गया। डाबर इंडिया लिमिटेड द्वारा आयोजित इस जागरुकता अभियान में आयुर्वेद के संबंध में वैज्ञानिक रूप से जांचे गए तथ्यों के बारे में बताया गया ताकि बच्चे सोच-समझ कर अपने रोज़मर्रा के विकल्पों को चुन सकें और स्वस्थ रह सकें।
इस कार्यक्रम में स्कूल की वाइस प्रिंसिपल सैंड्रा एलिस एवं जनरल फिजिशियन डॉ. सुशांत कुमार ने बच्चों को डाबर च्यवनप्राश से होने वाले फायदों से अवगत कराया। कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों के बीच डाबर च्यवनप्राश का वितरण किया गया। जनरल फिजिशियन डॉ. सुशांत कुमार ने कहा कि तापमान में कमी और नमी के स्तर में वृद्धि के कारण मानसून के दौरान संक्रमण होना एक आम बात है। आमतौर पर मानसून में सर्दी एवं खांसी, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड और निमोनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं।
उष्ण, नम और आर्द्र जलवायु के कारण कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं, जो प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर ज्यादा तेजी से फैलते हैं। प्रतिदिन दो चम्मच डाबर च्यवनप्राश का उपयोग करना, दैनिक आहार में रसायन तंत्र को शामिल करने का एक तरीका है। डाबर च्यवनप्राश रोगाणुओं से लड़ने वाले डेंट्रिक सेल, एनके सेल और मैक्रोफेज को सक्रिय करने में मदद करता है। प्रशांत अग्रवाल, मार्केटिंग हेड- हेल्थ सप्लीमेंट्स, डाबर इंडिया लिमिटेड ने कहा, आयुर्वेद की समृद्ध विरासत और प्रकृति के गहन ज्ञान के साथ, डाबर ने हमेशा प्रामाणिक अध्ययन के माध्यम से सभी के लिए सुरक्षित, लागत प्रभावी और प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया है। हम अपने उत्पाद के माध्यम से वर्तमान में भारत में विभिन्न बीमारियों से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। डाबर च्यवनप्राश आयुर्वेद के प्राचीन भारतीय ज्ञान और विज्ञान की अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किया गया फॉर्मूलेशन है। यह उत्पाद खुद को दिन-प्रतिदिन के विभिन्न संक्रमणों से बचाने का एक आदर्श तरीका है।