मघुपमणि पिक्कू
पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना घर तक फाइबर को हर ग्राम में पहुंचाने और सफल करने का श्रेय ऐसे योद्धाओं को जाता है जो छोटे छोटे इलाकों और ग्रामों में रहकर अपनी जीविकोपार्जन करते हैं।
ये हैं सीएससी के वीएलई जो देश के लगभग हर गावों में मौजूद होकर अंतिम व्यक्ति तक को सरकार की सुविधाएं पहुंचाने का कार्य करते हैं।
सीएससी के वीएलई के द्वारा आयुष्मान भारत, ग्रामीण स्टोर, टेलीमेडिसिन कॉन्सल्टेशन सेवा में वैसे कार्य किए जाते हैं जो सेवा समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा को दिखाता है। श्रमिकों को सशक्तिकरण हेतु 1 करोड़ से ज़्यादा कार्ड बने जिन्हें आज आयुष्मान से जोड़ने का काम किया जा रहा है।
कोरोना काल में इन वीएलई लोगों ने अपनी जान जोखिम में जान कर टेली मेडिसिन के द्वारा गावों में जरूरतमंदों को चिकित्सीय सलाह मात्र एक रुपए में देने का कार्य किया।
इसके अलावे इनलोगों ने निःशुल्क दवा और मास्क वितरण का कार्य किया। इन्हीं वीएलई के कंधों पर देश के पीएम नरेंद्र मोदी और तत्कालीन आईटी सह संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गावों तक इंटरनेट का जाल बिछाने का कार्य दिया।
निश्चित तौर पर इस योजना को वीएलई को देने की योजना पीएम मोदी और मंत्री रविशंकर की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। इनके माध्यम से कार्य करवाने के पीछे निश्चित तौर पर गावों तक इंटरनेट पहुंचाने के साथ साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की भी सोच रही होगी।
वर्तमान में भारत सरकार के आईटी मिनिस्टर अश्वनी वैष्णव के मार्गदर्शन पर सरकार की विभिन्न योजनाओ के साथ-साथ अत्यंत जटिल और चैलेंजिंग “घर तक फाइबर” योजना को सफल बनाने के लिए 24 X 7 लगी हुई है। वैसे गावों जहाँ बिजली के पोल तक नहीं पहुंचे है वहां सीएससी के वीएलई ने इन्टरनेट के तारों को पहुंचाने का कार्य किया है।
आइए जानते हैं बिहार में CSC के द्वारा ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से Fibre to the Home (FTTH) सेवा प्रदान किये जाने का सफर-
बिहार में CSC को यह कार्य जुलाई 2019 में BBNL के द्वारा दिया गया था। इस परियोजना के शुरुआती दौर में बिहार के 5889 ग्राम पंचायत मे लगे BBNL के नेटवर्क उपकरण में मात्र 240 ग्राम पंचायत मे लगे BBNL के नेटवर्क उपकरण ही कार्यरत थे।
इनकी स्थिति अत्यंत दयनीय थी। जिसे विगत 2 वर्षो में CSC के द्वारा 4200 ग्राम पंचायत मे लगे BBNL के नेटवर्क उपकरण को काम करने योग्य बनाया गया।
इस कार्य के लिए 132 योग्य और अनुभवी लोगो की टीम को इस कार्य को करने के लिए लगाया गया जो कि 230 Splicing Machines 230 OTDR, 230 Power Meter और भी उपकरणों के साथ साथ दिन रात एक कर इस कार्य को पूरा किया गया और 4200 ग्राम पंचायत मे लगे BBNL के नेटवर्क उपकरण को काम करने योग्य बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक इस योजना से हजारों लोगों को रोजगार मिला।
BSNL के द्वारा बिछाये गए अत्यंत दयनीय स्थिति में मौजूद BBNL के फाइबर को सही करने के साथ साथ बिहार के सभी ग्रामपंचायतों में तथा उनसे जुड़े गावों में ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से Fibre to the Home (FTTH) सेवा प्रदान करने का कार्य भी किया गया।
जिस क्रम में बिहार के 17000 से ऊपर गावों में 38000 से ऊपर ग्रामीण उपभोक्ताओं को इंटरनेट की सुविधा प्रदान की गई।
इसी क्रम में बिहार के सभी ग्रामपंचायतों में तथा उनसे जुड़े गावों में एक-एक Wifi -Hotspot भी लगाया गया जिसकी संख्या 28000 से ऊपर है।