215 बटालियन सीआरपीएफ ने मलयपुर कैंप परिसर में “पुलिस स्मरण (स्मृति) दिवस” के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया ।
ब्यूरो पारस नाथ
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 21 अक्टूबर को 215 बटालियन मलयपुर कैंप परिसर में पुलिस स्मरण उत्सव दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन श्री मुकेश कुमार कमांडेंट 215 बटालियन के नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम में देश की रक्षा हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस के अमर शहीदों को श्री मुकेश कुमार कमांडेंट 215 बटालियन ने पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धा सुमन पुष्प चक्र अर्पित किया। तथा 215 बटालियन के जवानों के द्वारा उन सभी शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया एवं वहां पर उपस्थित सभी अधिकारी व जवानों ने 2 मिनट का मौन धारण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया । साथ ही श्री विनोद कुमार सहायक कमांडेंट 215 बटालियन ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया । इस अवसर पर वहां उपस्थित 215 बटालियन सीआरपीएफ के सभी जवानों को संबोधित करते हुए श्री मुकेश कुमार कमांडेंट 215 बटालियन ने बताया की 60 वर्ष पूर्व समुद्र तल से 10,500 फीट की ऊंचाई पर लद्दाख की जमा देने वाली ठंड में सीआरपीएफ की तीसरी बटालियन की एक कंपनी को भारत – तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख के हॉटस्प्रिंग क्षेत्र में तैनात किया गया था आज ही के दिन (21 अक्टूबर 1959) को जब सीआरपीएफ 21 जवानों का एक गश्ती दल हॉट स्प्रिंग में गश्त कर रहा था। तभी चीनी सेना के एक बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर हमला कर दिया था तब सीआरपीएफ के मात्र 21 जवानों के टुकड़ी ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया। जिसमें अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। इस स्वर्ण गाथा पल को याद करने के लिए भारत सरकार के निर्देशानुसार भारत में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। चीनी हमले से लेकर आज तक पिछले 60 वर्षों में हजारों पुलिसकर्मी ने भारत माता की सुरक्षा और समाज की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। सीआरपीएफ उस दीवार की तरह है जिस के हवाले देश की आंतरिक सुरक्षा है। आतंकी हमला हो या नक्सली हमला, संप्रदायिक दंगे हो या अतिक्रमण हिंसक घटना से जान की हिफाजत, निष्पक्ष चुनाव कराना या प्रकृतिक आपदा इस प्रकार की अनेकों जिम्मेदारी इस बल के ऊपर हैं। आयें आज हम सभी मिलकर उन सभी सच्चे देशभक्त की शहादत को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
अंत में श्री मुकेश कुमार कमांडेंट 215 बटालियन ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों के त्याग एवं समर्पण को पूर्ण सम्मान करते हुए उनके परिवार के मंगलमय भविष्य की कामना किए। इस अवसर पर श्री विनोद कुमार सहायक कमांडेंट 215 बटालियन निरीक्षक जीडी एके राय, निरीक्षक मंत्रालय प्रशांत कुमार, उपनिरीक्षक ए०के० त्रिपाठी, उपनिरीक्षक ए०के० घोष, सहायक उपनिरीक्षक
ई० हक, सहायक उपनिरीक्षक पीके निराला एवं जवान उपस्थित थे।