पटना। डीएम डा चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि सीपीआर एक लाईफ सेविंग तकनीक है जिसके उपयोग से आकस्मिक स्थिति में किसी भी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। वे पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिए आयोजित सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि इमरजेन्सी यथा हार्ट अटैक एवं डूबने जिसमें किसी की सांस या हार्ट बीट रुक जाती है। इसको हमसभी को जानना चाहिए ताकि आवश्यकता पडऩे पर किसी का जीवन बचाया जा सके। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि सीपीआर काफ ी सरल तकनीक है जिसे हर कोई सीख सकता है। इस तकनीक को गांँव गांँव तक पहुँचाने की आवश्यकता है। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से इसे घर घर तक पहुँचाने के लिए जिला प्रशासन प्रयत्नशील है।
साथ ही इसको हर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का अभिन्न अंग बनाया जाएगा। त्रि स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी इसे शामिल किया जाएगा। जितने अधिक लोग सीपीआर तकनीक से अवगत होंगे उतने ही अधिक लोगों की इमरजेन्सी में जान बचाई जा सकती है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में प्रशिक्षण के दौरान पदाधिकारियों को सीपीआर की ट्रेनिंग दी जाती है। जिला प्रशासन द्वारा भी विभिन्न विभागों के कार्यक्रमों तथा प्रशिक्षणों में इसे अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा।
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में अस्पताल के बाहर कार्डियक अरेस्ट से पीडि़त 10 में से लगभग 7 से 9 लोगों की मृत्यु हो जाती है। सीपीआर के जरिए इस समस्या को कम किया अजा सकता है। डीएम डॉ सिंह ने डॉ सिन्हा एवं उनकी टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सीपीआर तकनीक का प्रशिक्षण पाकर हमारे पदाधिकारी एवं कर्मी की लाईफ सेविंग स्किल में काफ ी वृद्धि हुई है। हम सभी जरूरत के क्षणों में इसका प्रयोग कर किसी भी व्यक्ति की जान बचा सकते हैं। प्रशिक्षण के बाद जिलाधिकारी द्वारा सभी को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
श्वेता