पटना, 23 जुलाई 2020:- सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, सचिव जल संसाधन सजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।
सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को लेकर लगातार सरकार के स्तर पर गहराई से समीक्षा की जा रही है। प्रतिदिन में जो कमियां पायी जाती हैं, उनको दूर करने का निर्देश दिया जाता है। आज भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई है। मुख्यमंत्री द्वारा पहले जो निर्देश दिए गये थे, उनके अनुपालन एवं कोरोना संक्रमण के वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की गयी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार एवं बेड्स की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया था, जहाँ कोविड-19 मरीजों के इलाज की व्यवस्था है। सभी जगह बेड्स कैपिसिटी बढ़ाने के साथ-साथ पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर, ऑक्सीजन पाइपलाइन, वेंटिलेटर्स सहित अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सुविद्याओं का विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग कैपिसिटी बढ़ाने का भी निर्देश दिया था। सभी अनुमंडल अस्पतालों में एंटीजन टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है और करीब 01 लाख किट्स फिल्ड में भेजे जा रहे हैं ताकि जो लोग भी अपनी जाँच कराना चाहते हैं, ऑन डिमांड टेस्टिंग के आधार पर उनकी जांच आसानी से हो जाय।
सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क ने बताया कि कोविड-19 के इलाज के लिए वर्तमान में करीब 8,000 बेड्स उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए कम से कम 5,000 बेड्स बढ़ाने का आज निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग बेड्स बढ़ाने की दिशा में कार्रवाई कर रहा है। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कोविड-19 के इलाज एवं बेड्स की व्यवस्था के लिए सभी जिलाधिकारियों को प्राधि.त किया गया है ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो। आज यह भी निर्णय लिया गया कि मुख्यालय एवं अनुमंडल स्तर पर प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इलाज की दर निर्धारित कर दी जाय ताकि लोगों को परेशानी न हो और कही से यह शिकायत नहीं आए कि फीस ज्यादा ली जा रही है। उन्होंने बताया कि कुछ जगहों से सैम्पल्स पेंडिंग रहने की शिकायते मिली है। इसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि स्वास्थ्य विभाग अपनी क्षमता को इस प्रकार से बढ़ाये कि किसी भी सैम्पल के रिजल्ट में 24 घंटे से ज्यादा का समय नही लगे। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जो भी एडवाइजरी जारी की जा रही है, लोग उसका अनुशासनपूर्वक पालन करें, घबरायें नहीं। सरकार पूरी स्थिति की प्रतिदिन समीक्षा कर हर आवश्यक कदम उठा रही है।
अनुपम कुमार ने बताया कि गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य परिवारों के लिए 23 लाख 38 हजार 990 नये राशन कार्ड बने हैं। इनमें से अब तक 21 लाख 55 हजार 269 राशन कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। इस प्रकार करीब 92 प्रतिशत राशन कार्डों का वितरण किया जा चुका है। राशन कार्ड विहीन परिवारों को इससे काफी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि रोजगार सृजन पर भी सरकार का पूरा ध्यान है और लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक 5 लाख 55 हजार से अधिक योजनाओं के अंतर्गत 11 करोड़ 55 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,083 लोग स्वस्थ हुए हैं। अब तक 20,959 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं और इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 66.14 प्रतिशत है। 22 जुलाई से अब तक कोविड-19 के 717 मामले प्रतिवेदित हुए हैं, जबकि 21 जुलाई एवं पूर्व के 908 कोरोना संक्रमण के नये मामले भी सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 10,120 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 10,015 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 4,19,208 है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयत्नशील है और सभी सार्थक पहल किये जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के माइल्ड सिम्टोमैटिक, प्री-सिम्टोमैटिक या बिना लक्षण वाले लोगों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है और उनके स्वास्थ्य की पड़ताल के लिए कर्मियों का एक दल है। उन्होंने बताया कि जिनलोगों के घर में परिवार के अन्य सदस्यों से खुद को होम आइसोलेशन में पृथक रहने के लिए जगह नहीं हैं, उन्हें जिला स्तर पर गठित कोविड केयर सेंटर में रखा जाता है। कोविड केयर सेंटर्स के लिए करीब 40,000 बेड्स का स्थान चयनित है। इनमंे से लगभग 20,000 बेड्स तैयार किये जा चुके हैं जहाँ लोगों को रखा जा रहा है। मोडरेट केसेज वाले व्यक्तियों को जिला स्तर पर बने डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स में रखा जाता है। डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स में अभी लगभग 4,000 बेड्स की व्यवस्था की गयी है जहाँ लोगों का इलाज होगा और ऑक्सीजन बेड्स तथा ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स भी रहेंगे। डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स में सीवियर केसेज वाले व्यक्तियों को रेफर करके मेडिकल कॉलेज में भेजा जाएगा। सभी 9 मेडिकल कॉलेजों और एम्स पटना को मिलाकर सीवियर केसेज के लिए करीब 3,500 बेड्स की उपलब्धता है।
सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि आज बेड्स की संख्या और अधिक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस कड़ी में गुरु गोविन्द सिंह अस्पताल (पटना सिटी) को एन0एम0सी0एच0 के साथ संबद्ध करके डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के लिए 100 बेड्स की उपलब्धता करायी जाएगी। मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में 400 और बेड्स बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जहाँ पहले से 100 बेड्स की उपलब्धता है। ई0एस0आई0 अस्पताल (बिहटा) में भी 100 बेड्स की क्षमता विकसित की जा रही है। कालान्तर में वहां और 300 बेड्स की क्षमता बढ़ायी जाएगी। ज्ञान भवन में भी 100 बेड्स की व्यवस्था डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स और ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ की जा रही है। इस प्रकार पहले से उपलब्ध बेड्स के अलावा 1,100 अतिरिक्त बेड्स बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर बी टाइप और डी टाइप 13,000 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं। मेडिकल कॉलेजों में बी टाइप और डी टाइप 5,000 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं। मार्च के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था में 393 अतिरिक्त वेंटिलेटर्स जोड़े गये हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 01 कांड दर्ज किया गया है और 04 व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हुई है। इस दौरान 1,117 वाहन जब्त किये गये हैं और 26 लाख 12 हजार 250 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। इस प्रकार 1 जुलाई से अब तक 28 कांड दर्ज किये गये हैं और 26 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। कुल 18,210 वाहन जब्त किए गए हैं और 04 करोड़ 35 लाख 71 हजार रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। उन्होंने बताया कि मास्क न पहनने पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 7,598 व्यक्तियों से 03 लाख 79 हजार 900 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। इस प्रकार 05 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 87,083 व्यक्तियों से 43 लाख 54 हजार 150 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।
सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बागमती नदी ढ़ेंग से लेकर बेनीबाद तक स्थिर है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है। कमला बालान नदी का जलस्तर भी स्थिर है, इसके जलस्तर में भी कमी आयी है। कमला बालान नदी भी अभी खतरे के निशान से ऊपर है लेकिन इसकी प्रवृत्ति घटने की है। उन्होंने बताया कि अधवारा समूह की नदियां का जलस्तर भी स्थिर या फॉलिंग है। महानंदा नदी भी किशनगंज के तैयबपुर में स्थिर है। ढ़ेंगराघाट में प्रवृत्ति बढ़ने की है लेकिन बढ़ने की प्रवृत्ति में कमी आयी है। बूढ़ी गंडक नदी की प्रवृत्ति अभी बढ़ने की है। पिछले 24 घंटे में इसका जलस्तर 12-14 सेंटीमीटर बढ़ा है। अभी ये नदी खतरे के निशान से ऊपर है। गंगा नदी की प्रवृत्ति भी बढ़ने की है। गंगा नदी का जलस्तर बक्सर में 14 सेंटीमीटर, दीघा और गांधी घाट में 25 सेंटीमीटर बढ़ा है लेकिन अभी गंगा नदी खतरे के निशान से नीचे है।
संजीव हंस ने बताया कि गंडक नदी का वाल्मिकीनगर में दिन के 2 बजे डिस्चार्ज 2,00,600 क्यूसेक था। गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में आज हल्की से मध्यम और अगले 24 घंटे में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इसको लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट किया गया है। जल संसाधन विभाग ने भी इसको लेकर पूरी तैयारी की है।कोसी नदी में आज 2 बजे दिन का जलश्राव 1,72,440 क्यूसेक था। इसकी प्रवृत्ति घटने की है। अगले 72 घंटे में इस इलाके में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि गंडक नदी के दायें और बायें तटबंध में कई जगहों पर सीपेज और पाइपिंग पायी गई है उसको तुरंत अटेंड किया गया ताकि कोई दुर्घटना न हो। इसी तरह बागमती नदी के इलाके में भी जहां पर भी सीपेज और पाइपिंग हुई है उसको तुरंत रिपेयर किया गया है। सभी तटबंध अभी पूरी तरह से कंट्रोल में है। नेपाल के पूर्वी एपलेक्स बांध के एक स्पर में डैमेज हुआ था किंतु उसेे भी रिपेयर और रिस्टोर कर लिया गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 10 जिलों के कुल 64 प्रखंडों की 426 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। सुपौल में 02, पश्चिमी चम्पारण में 05, पूर्वी चम्पारण में 08, गोपालगंज में 12 और खगड़िया में 01 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 28 राहत शिविरों में कुल 13,877 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि गोपालगंज में 14, सुपौल में 02, पूर्वी चंपारण में 27, पश्चिमी चम्पारण में 05, दरभंगा में 122, सीतामढ़ी में 03, खगड़िया में 01, शिवहर में 03, मुजफ्फरपुर में 15 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 192 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 79,958 लोग भोजन कर रहे हैं। प्रभावित इलाकों में आवश्यकतानुसार एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीम प्रतिनियुक्त की गयी है। उन्होंने बताया कि लो लाइन एरिया में वोट्स चलाए जा रहे हैं। सुपौल में 150, पश्चिमी चम्पारण में 16, खगड़िया में 40 और पूर्णिया में 76 वोट्स चलाए जा रहे हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।