बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर, स्वतंत्र एजेंसी से हो भ्रष्ट अधिकारियों के संपत्ति की जांच : विजय सिन्हा

पटना, 19 अक्तूबर 2022। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को सरकार पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि जिस राज्य में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ठगी (धोखे) का शिकार हो जा रहे हों, तो समझा जा सकता है कि राज्य का तंत्र कितना कमजोर है।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि भ्रष्टाचार की मानसिकता के कारण अधिकारी समर्पण कर रहे है। वैसे, राज्य में मात्र दो चार अधिकारी ही ऐसे नहीं, ऐसे अधिकारियों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन मुख्यमंत्री जी की नैतिकता इतनी भी नहीं कि ऐसे अधिकारियों पर सीधे कारवाई कर सके।

उन्होंने कहा कि डीजीपी की ठगी मामले से बिहार की पूरे देश में भद पीट गई, लेकिन अभी भी वे पद पर बने हुए हैं।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में दलाल, माफिया, भ्रष्ट पदाधिकारी और अपराधी का गठजोड़ के कारण भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठा दिया गया है, जिन्हे सत्ता का संरक्षण मिल रहा है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों की संपत्ति की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करा दी जाए तो सब कुछ सामने आ जाएगा।

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद सीधे भ्रष्टाचार करते थे लेकिन नीतीश इंजीनियर होने के कारण भ्रष्टाचार में तकनीक की मदद लेते हैं। उन्होंने कहा कि आज राज्य में प्राक्कलन घोटाला हो रहा, टेंडर में कमीशनखोरी हो रही है और अधिकारी ही एजेंट बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक- एक भ्रष्ट पदाधिकारी की पोल खोली जाएगी।

उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए कहा कि अपराध, भ्रष्टाचार घटाना हो तो अधिकारियों को कृपापात्र बनाकर अघोषित संरक्षण देना बंद कीजिए और अच्छे अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी दीजिए जिससे बिहार में जंगलराज के बाद गुंडाराज के रूप में लोगों को याद नहीं रखना पड़े।

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