कोरोना वायरस और बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थिति में चुनाव को स्थगित करने के लिए राज्य सरकार अनुशंसा करे-एजाज अहमद

पटना 28 जुलाई 2020: जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज़ अहमद ने बिहार में बढ़ते कोरोना वायरस तथा बाढ़ के प्रकोप से निजात तथा राहत कार्यों पर ध्यान देने के लिए अविलंब जनहित तथा राज्य हित में चुनाव आयोग से चुनाव स्थगित की जाने के लिए राज्य सरकार से अनुशंसा करने की मांग की है ।
इन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अविलंब जदयू के द्वारा चलाए जा रहे हैं वर्चुअल रैली को स्थगित करने तथा 31 जुलाई को चुनाव आयोग के द्वारा सभी पार्टियों से मांगे गए सुझाव के आलोक में चुनाव को स्थगित करने की अनुशंसा करने की मांग की है।

इस संबंध में बिहार के सभी छोटे बड़े दलों के साथ-साथ एनडीए के घटक दल लोजपा ने भी ऐसे समय में चुनाव कार्यों को रोके जाने की अपील की है।

एजाज ने आगे कहा कि अभी वर्तमान में कोरोना वायरस और बाढ़ जैसी विपदा से बड़ा आपातकालीन स्थिति और कुछ नहीं है ,क्योंकि प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा है कि जान है तो जहान है जब बिहार के लोगों की जान पर ही बन पड़ा है तो चुनाव के प्रति भाजपा और जदयू ही इतना व्याकुल क्यों है ,यह बात समझ से परे है।

इन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि बिहार में दिन-प्रतिदिन कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और दूसरी ओर राज्य सरकार का स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से धराशाई हो गया है। ऐसा लगता है कि राज्य में लोगो के जान की कोई कीमत ही नहीं है, क्योंकि इतनी भयावह स्थिति के बाद भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पिछले 15 वर्षों की सरकार का ही रोना रो रहे हैं जबकि दोनों ही समय में स्वास्थ्य व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है, जिस कारण आज ऐसी भयावह स्थिति का सामना बिहार के लोगों को करना पड़ रहा है।

हद तो यह है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को खुश करने के लिए लगातार मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सचिव को हटाकर उसका ठीकरा पदाधिकारियों पर फोड़ कर सरकार की कमियों को ढकने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि सच्चाई तो यह है कि बिहार में अफसरशाही बेलगाम है और मंत्रियों के द्वारा लूट का खुला का व्यापार चल रहा है , जिस कारण बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है ।और लोग मंत्री और पदाधिकारी की लड़ाई में अपनी जान गंवा रहे हैं।

एजाज ने आगे कहा कि बिहार के दर्जनभर जिलों में बाढ़ की भयावह स्थिति है, लेकिन बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच सरकार के द्वारा राहत कार्य न के बराबर चल रहा है हद तो यह है कि सरकार के द्वारा कागजों पर ही घोषणा होती है और कागजों पर ही राहत कार्य का वितरण भी हो जाता है। बाढ़ बिहार के नेताओं पदाधिकारियों के लिए लूट का बड़ा साधन है। इन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ऐसी कमियों को लगातार सर जमीन पर जाकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव उजागर कर रहे हैं और लोगों को अपने स्तर से राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *