पटना, 28 मई कोरोना महामारी के दूसरे लहेर ने लगभग हम सभी की ज़िन्दगी में एक भयानक तूफ़ान लाकर खड़ा किया है जिससे कहीं न कहीं हम सब लड़ रहे हैं। हम में से किसी ने भी इस बात का अंदाजा भी नहीं लगाया होगा की कोई बीमारी इतनी खतरनाक हो जाएगी की जिसकी वजह से हम अपनों से ही दूर हो जायेंगे। इस बिमारी के डर से हम सभी अपने घरो में ही बंद हैं।
स्वास्थ अधिकारियों से लेकर सरकार तक ने भी हमे जितना हो सके उतना घर पे ही रहने का आग्रह किया है। इसी वजह से इस महामारी की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकारों द्वारा शहरों में लॉकडाऊन भी लगाया गया है।लेकिन इन सब के बीच क्या हम लोगों ने ये सोचा है की वह लोग जो रोजमर्रा की कमाई पर अपना गुजरा कर रहे थे वह लोग इस बिमारी और लॉकडाऊन का किस कदर सामना कर रहे होंगे। जिनके पास न रहने को घर है, ना खाने को खाना, और ना ही पैसे।
जी हाँ बेशक इस महामारी ने हमसे हमारा सुख चैन छीन रखा है लेकिन इस वक़्त अगर कोई सबसे ज़यादा प्रभावित एवं बेबस है तो वह हैं हमारे देश के गरीब।हालाँकि, इस कठिन वक़्त में भी कुछ लोग ऐसे भी है जो इन ज़रूरतमंदो की मदत करने के लिए हमेशा आगे खड़े रहते हैं। जी हाँ महामारी के इस भयानक काल में जीकेसी पटना जिला सचिव (मीडिया प्रकोष्ठ) अनुराग जो कि बिहार न्यूज़ नेटवर्क के सम्पादक सह चीफ एडिटर भी हैं उन गरीबो एवं ज़रूरतमंदो की तरफ अपना हाथ बढ़ाया है।
अनुराग ने राजधानी के बस स्टैंड, पटना जंक्शन, पीएमसीएच एरिया, रुकनपुरा, आईजीएमएस समेत अन्य जगहों पर मौजूद सैंकरड़ो गरीबों को फ़ूड पैकेट्स मास्क और सैनिटाइजर बांट कर उनकी मदद की है। गरीबों के साथ उन्होंने अस्पताल में भर्ती कोविड मरीज़ों के स्वजनों को भी फ़ूड पैकेट्स बाटा हैं।
बातचीत के दौरान अनुराग ने बताया की वह अकसर पुलिस प्रशासन के साथ नाईट ड्यूटी पर निकला करते हैं, जिसमे वह सड़क किनारे मौजूद इन बेबसों को खाने के लिए तड़पता देख रह नहीं पाए और उनकी तरफ मदद के लिए अपने हाथो को बढ़ाने का सोचा। आगे उन्होंने कहा की उन्हें बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता था इन लोगो को इस कदर देखना।
सरकार अपने तरफ से गरीबों की राहत के लिए तो हर मुमकिन कोशिश कर ही रही लेकिन अपनी तरफ से अनुराग ने इन ज़रूरतमंदो की मदद कर कई लोगो का दिल जीत लिया।