भारत में कोरोना को खत्म करने के लिए यूएस और अधिक सहायता भेजने को तैयार- अमेरिकी उपराष्ट्रपति

कोरोना से लड़ाई में भारत की मदद के लिए आगे आने के साथ ही इस वैश्विक महामारी के खात्मे के लिए एक बार फिर से अमेरिका ने पहल की है। भारतीय मूल की अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने बयान में कहा, कोरोना महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पताल के बेड बढ़ाए गए थे, तब भारत ने सहायता भेजी थी। आज हम भारत को उसकी जरूरत के समय में मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इसे भारत के दोस्त के रूप में एशियाई क्वाड के सदस्यों के रूप में और वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में देख रहे हैं।

महामारी खत्म करने के लिए भेजेंगे और अधिक सहायता 

उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण मामलों में बढ़ोतरी परेशान करने वाली है। महामारी के चलते अपने लोगों को खोने वालों के प्रति मेरी संवेदना और सहानुभूति है। उन्होंने आगे कहा कि पहले ही हमने भारत को ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, एन-95 मास्क और कोरोना रोगियों के इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन समेत मेडिकल सहायता भेजी है। इसके अलावा हम भारत में महामारी खत्म करने के लिए और अधिक सहायता भेजने के लिए तैयार हैं।

वैक्सीन पर पेटेंट को निलंबित करने का लिया फैसला

कमला हैरिस ने कहा कि भारत और अन्य देशों को अपने लोगों को और अधिक तेजी से टीकाकरण में मदद के लिए हमने कोरोना वैक्सीन पर पेटेंट को निलंबित करने के लिए पूर्ण समर्थन की घोषणा की है। कमला हैरिस ने कहा कि 26 अप्रैल को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमारे समर्थन की पेशकश करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ बात की थी। उसके बाद शुक्रवार 30 अप्रैल तक अमेरिका की तरफ से भारत को राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई।

इससे पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने गुरुवार को कहा था कि अमेरिका कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत के स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

अब तक चार विमान मदद लेकर आ चुके हैं भारत

अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। वह लगातार भारत को चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है। अमेरिका से एक विमान 2 मई को एंटी वायरल दवा रेमडेसिविर की 1.25 लाख शीशियां लेकर आया। यह मेडिकल सहायता के लिए अमेरिका से भेजा गया चौथा विमान है। इससे पहले अमेरिका का एक विमान एक हजार आक्सीजन सिलेंडरों, रेगुलेटरों और अन्य चिकित्सा उपकरणों के साथ 1 मई को भारत पहुंचा था, जबकि उससे पहले 30 अप्रैल को भी अमेरिका से आपात राहत सहायता के साथ दो विमान भारत पहुंचे थे।

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