पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने आरोप लगाया है कि स्थानीय निकाय से होने वाले बिहार विधान परिषद के सदस्यों के चुनाव को प्रभावित करने के लिए सरकार द्वारा लगातार आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है और चुनाव आयोग मूकदर्शक बनी हुई है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि 2 मार्च से हीं राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है। इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने वाले कई ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जिसका उद्देश्य एनडीए उम्मीदवारों को नाजायज तरीके से लाभ पहुंचाना है। पहले पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बीडीओ हुआ करता था।
एनडीए सरकार ने पंचायत समिति के अधिकारों को सिमित करने के लिए पंचायत राज अधिनियम में संशोधन कर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बना दिया था। अब सरकार के पंचायत राज विभाग के नये आदेश द्वारा बीडीओ को हीं पुन: पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी सह निकासी सह व्ययन पदाधिकारी बना दिया गया है। विधान परिषद चुनाव का पीठासीन पदाधिकारी बीडीओ हीं होता है इसलिए उसे प्रभावित करने के लिए हीं आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए सरकार द्वारा यह आदेश जारी किया गया है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि इसके पूर्व भी गत 7 मार्च को कई अनुमंडल पदाधिकारियों का स्थानान्तरण कर दिया गया था जबकि राज्य में गत 2 मार्च को हीं आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुका था। इस चुनाव में सहायक चुनाव पदाधिकारी के रूप में अनुमंडल पदाधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है और चुनाव आयोग मूकदर्शक बनी हुई है। कोशी निर्वाचन क्षेत्र से एक मंत्री की पत्नी एनडीए की उम्मीदवार हैं और मंत्री जी खुलेआम आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। यैसी हीं शिकायत कई अन्य क्षेत्रों से आ रहा है जहाँ मंत्री सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं और आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं और चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।