सिपाही भर्त्ती परीक्षा संचालन कराने वाले केन्द्रीय चयन पर्षद के अध्यक्ष पद पर वैठे सेबानिवृत विवादित पूर्व डी जी पी एस. के. सिंघल को अविलंब हटाये सरकार,
सुनियोजित षडयंत्र औऱ सरकार के संरक्षण के कारण दारोगा,सिपाही, अमीन,डाटा इन्ट्री ऑपरेटर, बी पी एस सी ,एस एस सी आदि परीक्षाओं में प्रश्न पत्र हुआ लीक,
बिहार की प्रतिभा को बचाने औऱ असली गुनहगारों को पकड़ने हेतु पेपर लीक की जाँच सी.बी.आई. से कराये सरकार,
पटना, 7 अक्टूबर 2023
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर सरकार से सिपाही भर्त्ती परीक्षा में शामिल लगभग 6 लाख बेरोजगार अभ्यर्थियों के व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु उन्हें मुआवजा देने की मांग की है।
श्री सिन्हा ने कहा कि परीक्षा में शामिल होने पहुँचे अभ्यर्थियों को आने-जाने, ठहरने एवं भोजन के मद में हजारों रुपये खर्च हुये। सुनियोजित षडयंत्र औऱ सरकार के संरक्षण के कारण प्रश्न पत्र लीक हुआ। परीक्षा रद्द की गई। अभी तक इस फर्जीवाड़े में 150 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके है। प्रश्न पत्र लीक के ट्रेल का पता नहीं चला है। गिरफ्तार लोगों में सरकारी कर्मी के नाम पर मात्र सिपाही की गिरफ्तारी हुई है। उच्च पदों एवं पर्षद के अनुसचिवीय स्टाफों में से किसी से अभी तक पूछताछ भी नहीं की गयी है।
श्री सिन्हा ने कहा कि सिपाही भर्त्ती परीक्षा संचालन की जिम्मेवारी केन्द्रीय चयन पर्षद की होती है। सेबानिवृत विवादित पूर्व डी. जी. पी एस. के सिंघल इसके अध्यक्ष हैं। डी. जी. पी के पद पर रहते हुये इनपर आरोप लगा था पर सरकार ने जाँच नहीं करायी। उल्टे इन्हें इनाम के रुप में 23 जनवरी 2023 को केन्द्रीय चयन पर्षद का अध्यक्ष बना दिया गया। ये जबतक बने रहेंगे प्रश्न पत्र लीक होता रहेगा। सरकार इन्हें तुरंत पद से हटाये।
श्री सिन्हा ने कहा कि भ्रष्टाचारिेयों की करतूत के कारण लाखों छात्रों के रोजगार का सपना चकनाचूर हो गया। पूर्व में बी.पी.एस.सी., एस.एस.सी,दरोगा, अमीन, डाटा एंट्री ओपरेटर सहित अन्य नियुक्तियों में भी पेपर लीक हुआ परन्तु कार्रवाई के नाम पर छोटे-छोटे लोगों को पकड़ा गया।यदि सरकार बिहार के प्रतिभाओं को बचाना चाहती है और असली गुनहगारों को पकड़ना चाहती है तो सिपाही भर्त्ती परीक्षा सहित अन्य सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक मामले में सरकार गंभीरता पूर्वक विचार करे और इसकी जाँच सी.बी.आई से कराने हेतु आदेश दें।