देश के कुछ राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार सतर्क है। सभी राज्यों को पहले ही उचित दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। ऐसे में बुधवार को पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ कोरोना की स्थिति को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इस दौरान पीएम ने कहा कि प्रत्येक पात्र बच्चे को जल्द से जल्द वैक्सीन देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने राज्यों से विशेष अभियान चलाने का आह्वान किया।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, बीते दो वर्षों में कोरोना को लेकर ये हमारी 24वीं मीटिंग है। कोरोना काल में जिस तरह केंद्र और राज्यों ने मिलकर काम किया, उसने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। ये स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है। ओमिक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गंभीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं, ये यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं।
96 प्रतिशत वयस्क आबादी को लगी वैक्सीन
पीएम मोदी ने पिछले दो हफ्तों में कुछ राज्यों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमें सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है कि देश में 96 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल गई है।
केंद्र और राज्यों ने मिलकर किया काम
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह केंद्र और राज्यों ने मिलकर काम किया, उसने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है। ओमिक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गंभीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं,ये यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं।
बच्चों को मिल रहा वैक्सीन का कवच
पीएम मोदी ने कहा कि देश में लंबे समय के बाद स्कूल खुले हैं। ऐसे में कोरोना केस के बढ़ने से परिजनों की चिंता बढ़ रही है। कुछ स्कूलों से बच्चों के संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं। संतोष का विषय है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन का कवच मिल रहा है।
जल्द से जल्द टीकाकरण प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि मार्च में हमने 12-14 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरु कर दिया था। कल 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए भी को-वैक्सीन टीके की अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि सभी योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में विशेष अभियान चलाने की जरूरत भी होगी। टीचर्स और माता-पिता इसे लेकर जागरूक रहें, हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के दौरान हमने हर दिन 3 लाख से अधिक केस देखे। हमारे सभी राज्यों ने इन्हें हैंडल भी किया और बाकी सभी सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों को भी गति दी।
5 से 12 साल के उम्र के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स
बता दें कि एक दिन पहले ही देश में 5 से 12 साल आयु वर्ग के बच्चों को भी कोरोना की वैक्सीन लगाने की अनुमति दी गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके कहा कि भारत की कोरोना से लड़ाई को अब और अधिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि मंगलवार को सीडीएससीओ ने 6 से 12 साल के उम्र के बच्चों के लिए कोवैक्सीन, 5 से 12 साल के उम्र के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स और 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए दो डोज वाली जायकोव डी को आपात इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी दे दी है। फिलहाल कॉर्बेवैक्स वैक्सीन 12-14 साल के बच्चों को दी जा रही है।