मधुप मणि “पिक्कू”
20 नवम्बर 2022, नई दिल्ली। हर मोर्चे पर जनता, मीडिया और राजनीतिक मंचों पर बिहार सरकार खास कर जेडीयू का मजबूती से पक्ष रखने वाले जेडीयू के राष्ट्रीय नेता राजीव रंजन प्रसाद अब “डॉक्टर” राजीव रंजन प्रसाद के नाम से जाने जायेंगे।
कामन्वेल्थ वोकेशनल यूनिवर्सिटी, टोंगा (आस्ट्रेलिया महादेश) द्वारा राजीव रंजन प्रसाद को उनके शोध “ओज़ोन सतह विखंडन एवं इसकी सुरक्षा” विषय पर आधारित शोध के लिए दिल्ली में आयोजित एक विशेष दीक्षांत समारोह में पीएचडी की उपाधि प्रधान की गयी।
श्री प्रसाद काफी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहे हैं। फिलहाल वे बिहार में सत्ताधारी दल जदयू के राष्ट्रीय सचिव हैं।
श्री प्रसाद ने अपनी राजनीतिक और सामाजिक जीवन की शुरुआत में संजय विचार मंच के बैनर तले काफी मजबूती बनाई और अपने समर्थकों की लंबी फौज तैयार की। राजनीति के महत्वपूर्ण पड़ावों पर श्री प्रसाद ने बिहार की राजधानी पटना की सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठा वाली सीट पर बीजेपी के दिग्गज नेता सुशील मोदी को टक्कर देने का काम किया।राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री प्रसाद पर भरोसा करते हुए पटना की सबसे मुश्किल विधानसभा से टिकट दिया। इस चुनाव में भी पटना के गली गली में अपनी टीम और दल के कार्यकर्ताओं के बदौलत उन्होंने दीघा विधान सभा से भी चुनाव लडा, अपनी विपरीत परिस्थिति में भी अपनी मजबूती दिखाई। हार जीत की परवाह किए बगैर वो आगे बढ़ते रहे हैं।
श्री प्रसाद कुशल वक्ता होने के साथ साथ एक बेहतरीन संगठनकर्ता भी हैं। इसका जीता जागता उदाहरण उन्होंने पिछले 2 सालों में अपने खुद के बनाए संगठन से दिया है। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस नाम से बनी यह संस्था देश हीं नहीं पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाने के लिए अग्रसर है। श्री प्रसाद इसके संस्थापक और ग्लोबल अध्यक्ष हैं।
पीएचडी की उपाधि यह साबित करती है कि राजीव रंजन एक एक कुशल सामाजिक कार्यकर्ता के साथ साथ रिसर्चर और मार्गदर्शक भी हैं।