मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 से संबंधित समीक्षा बैठक की
- आर0टी0पी0सी0आर0 जांच और ट्रूनेट जांच की संख्या और बढ़ायी जाय।
- टेस्टिंग कराने के इच्छुक सभी लोगों की जांच सुनिश्चित हो। जांच के लिए किट्स की पर्याप्त उपलब्धता रखें।
- कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या को और बढ़ायें तथा अधिक से अधिक बेडों तक ऑक्सीजन पाइपलाइन की आपूर्ति सुनिश्चित करें।
- कोरोना जांच केन्द्रों पर ऑक्सीजन लेवेल की जांच की भी व्यवस्था करें।
- गंभीर कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सभी जिलों में उनकी जनसंख्या के अनुपात में जिला अस्पतालों में आई0सी0यू0 विकसित करें।
- जिन जिलों में कोरोना के एक्टिव मरीज ज्यादा हैं, वहाॅ टेस्टिंग की संख्या और बढ़ायें।
- प्लाज्मा थेरेपी के लिये प्लाज्मा बैंकिंग हेतु प्लाज्मा डोनेट करने वालों को इनसेंटिव की व्यवस्था होनी चाहिये।
- प्रति एक लाख की जनसंख्या पर टेस्टिंग की संख्या का आकलन करें, टेस्टिंग में संक्रमितों का प्रतिशत भी आकलित करें, इससे कोरोना संक्रमण का व्यवहारिक आकलन हो सकेगा और इसे नियंत्रित करने में सहूलियत होगी।
- बाढ़ प्रभावित सामुदायिक केन्द्रों में भोजन करने आ रहे लोगों की भी जांच करायें।
- संभावित बाढ़ वाले जिलों में भी कोरोना संक्रमण की जांच तेजी से करायें।
- सभी जिलों में एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखें ताकि मरीजों को इलाज के लिए तुरंत कोविड सेंटर तक पहुंचाया जा सके।
- कोरोना संक्रमित गरीबों जिनके घर में होम आइसोलेशन की व्यवस्था संभव नहीं है, उनके लिये कोविड केयर सेंटर में आइसोलेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करायें।
- मास्क का प्रयोग सभी लोगों के लिए सुनिश्चित करायें यह जिम्मेवारी सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की नही है बल्कि सभी प्रशासनिक अधिकारियों की है। सभी जरुरतमंदों के बीच मास्क का निःशुल्क वितरण करायें।
- सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने के लिए लोगों को जागरूक करते रहें।
पटना, 07 अगस्त 2020:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 से संबंधित समीक्षा बैठक की।
समीक्षा के दौरान प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत ने जानकारी देते हुए बताया कि 31 जुलाई को 28,624 टेस्ट किये गये थे, आज उसकी संख्या बढ़कर 71,520 हो गयी है। राज्य में प्रतिदिन टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी जा रही है। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सभी जरूरी उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने पाइपलाइन के माध्यम से बेड्स तक ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजन सिलिंडर, टेस्टिंग किट्स, वेंटिलेटर, आई0सी0यू0 बेड्स की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संजीवन ऐप के माध्यम से जांच पंजीकरण, नजदीकी कोविड सेंटर, टेस्टिंग रिपोर्ट, होम आइसोलेशन एवं अन्य स्वास्थ्य संबंध जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमितों के इलाज हेतु मुजफ्फरपुर के सौ बेड के पीकू अस्पताल को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में तत्काल परिणत किया जा रहा है।
समीक्षा के दौरान कटिहार, सिवान, कैमूर, सीतामढ़ी एवं पूर्णिया जिले के जिलाधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जिलों में प्रतिदिन की जा रही टेस्टिंग संख्या में वृद्धि, तैयार किये गये कोविड हॉस्पिटल्स, प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अधिक से अधिक जांच कराने के लिए लोगों को प्रेरित करना, हॉस्पिटल में रोस्टर बनाकर चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता, नियंत्रण कक्ष के माध्यम से मरीजों से स्वास्थ्य संबंधी पूछताछ आदि के संबंध में जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि आर0टी0पी0सी0आर0 जांच और ट्रूनेट जांच की संख्या और बढ़ायी जाय। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग कराने के इच्छुक सभी लोगों की जांच सुनिश्चित हो। जांच के लिए किट्स की पर्याप्त उपलब्धता रखें। मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या को और बढ़ाने का निर्देश देते हुये कहा कि अधिक से अधिक बेडों तक ऑक्सीजन पाइपलाइन की आपूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने कोरोना जांच केन्द्रों पर ऑक्सीजन लेवेल की जांच की भी व्यवस्था रखने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गंभीर कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सभी जिलों में उनकी जनसंख्या के अनुपात में जिला अस्पतालों में आई0सी0यू0 विकसित करें। जिन जिलों में कोरोना के एक्टिव मरीज ज्यादा हैं, वहाॅ टेस्टिंग की संख्या और बढ़ायें। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी के लिये प्लाज्मा बैंकिंग हेतु प्लाज्मा डोनेट करने वालों को इनसेंटिव की व्यवस्था होनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति एक लाख की जनसंख्या पर टेस्टिंग की संख्या का आकलन करें, टेस्टिंग में संक्रमितों का प्रतिशत भी आकलित करें, इससे कोरोना संक्रमण का व्यवहारिक आकलन हो सकेगा और इसे नियंत्रित करने में सहूलियत होगी। उन्होंने बाढ़ प्रभावित सामुदायिक केन्द्रों में भोजन करने आ रहे लोगों की भी जांच कराने का निर्देश दिया। साथ ही संभावित बाढ़ वाले जिलों में भी कोरोना संक्रमण की जांच तेजी से कराने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय ताकि मरीजों को इलाज के लिए तुरंत कोविड सेंटर तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कोरोना संक्रमित गरीबों जिनके घर में होम आइसोलेशन की व्यवस्था संभव नहीं है, उनके लिये कोविड केयर सेंटर में आइसोलेशन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क का प्रयोग सभी लोगों के लिए सुनिश्चित करायें। यह जिम्मेवारी सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की नही है बल्कि सभी प्रशासनिक अधिकारियों की है। सभी जरुरतमंदों के बीच मास्क का निःशुल्क वितरण करायें। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करने के लिए लोगों को जागरूक करते रहें।
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिलाधिकारी, सभी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े हुए थे।
स्रोत- भारत पोस्ट लाइव / बिहार पत्रिका
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