मुख्यमंत्री के निर्देश-
- बिहार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की काफी संभावनाएं हैं।
- राज्य में इथेनॉल उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं।
- इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ना को प्राथमिकता में रखते हुए कार्य करें।
- कृषि अवशेष से भी इथेनॉल उत्पादन के लिए आकलन कर उस पर कार्य करें।
- युवाओं के लिए उच्च प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए ताकि वे नया उद्योग अथवा व्यवसाय कर सकें।
- राज्य में नये उद्योग लगाने वालों को सरकार हरसंभव मदद उपलब्ध करायेगी।
पटना, 04 जनवरी 2021:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक की।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने उद्योग विभाग से संबंधित एक प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 अंतर्गत प्रस्तावित योजनाएं, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजनाएं तथा उनके कार्यान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। कलस्टर आधारित योजनाओं के अंतर्गत जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना-2020, दूसरे राज्यों से लौटे श्रमिकों का स्किल मैपिंग, कलस्टर उद्योग का बेतिया मॉडल के बारे में भी जानकारी दी गई। कलस्टर आधारित उद्योगों के सतत् विकास के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा की गई। प्लास्टिक पार्क योजना तथा इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कलस्टर योजना के संबंध में भी जानकारी दी गई। साथ ही राज्य में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना, बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति-2016 के अंतर्गत अब तक की उपलब्धियों तथा राज्य में औद्योगिकरण को गति देने के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। बिहार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की काफी संभावनाएं हैं। राज्य में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अपने पहले ही कार्यकाल में हमलोगों ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था लेकिन उस समय यह स्वीकार नहीं किया गया। राज्य में इथेनॉल उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं। इथेनॉल उत्पादन बिहार का ही आईडिया है। मुझे खुशी है कि अब इस पर कार्य किया जा रहा है। इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ना को
प्राथमिकता में रखते हुए कार्य करें। इससे गन्ना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। मक्का से भी इथेनॉल के उत्पादन के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि कृषि अवशेष से भी इथेनॉल उत्पादन के लिए आकलन कर उस पर कार्य करें। कुशल श्रमिकों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही पोशाक योजना के तहत बच्चों के लिए पोशाक बनाना, पेवर ब्लॉक के निर्माण को बढ़ावा देने जैसे कई अन्य कार्य को बढ़ावा देने से रोजगार तो बढ़ेगा ही साथ-साथ उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। युवाओं को उच्च प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए ताकि वे नया उद्योग अथवा व्यवसाय कर सकें। राज्य में नये उद्योग लगाने वालों को सरकार हरसंभव मदद उपलब्ध करायेगी।
बैठक में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह तथा उद्योग विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।