मंगलवार को चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के तत्वावधान में सुरेन्द्र नाथ सक्सेना की स्मृति में गूगल मीट एप्प पर एक आनलाइन काव्य संध्या आयोजित की गई। रंगोत्सव के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भोजपुरी के महनीय हस्ताक्षर वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने की।
डा. आरती कुमारी ने अपने मधुर स्वर में माँ वाणी की वंदना गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तुषार सक्सेना के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार प्रदेश के वरिष्ठ कविगण घनश्याम, कमलनयन श्रीवास्तव, श्रीमती अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, डा. आरती कुमारी, श्रीमती मनीषा सहाय सुमन, मधुरेश शरण, नसीम अख्तर, प्रणव पराग और पीयूष कांति ने काव्य की मनोरम छटाएं बिखेरी। होली, फाग और नववर्ष के स्वागत में सुनाई गई रचनाओं ने फेसबुक लाइव पर जुड़े श्रोताओं के वाह-वाही लूटी। दिल्ली से आए कवि पीयूष कांति ने सुंदर मंच संचालन किया और अपनी कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। कविवर भगवती प्रसाद द्विवेदी ने स्वर्गीय सुरेन्द्र सक्सेना की काव्य साधना की जमकर प्रशंसा की और ऐसे गुमनाम साहित्य-साधकों को समाज के समक्ष लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कविवर सुरेन्द्र के सुपुत्र पीयूष कांति और सुपुत्री मनीषा सहाय सुमन द्वारा पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के प्रयासों की भी प्रशंसा की। चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान की ओर से कमलनयन श्रीवास्तव ने धर्म-जाति के बंधनों से ऊपर उठकर साहित्य के ऐसे मनीषियों को उनका यथोचित सम्मान दिलाने की संस्थान की प्रतिबद्धता को अभिव्यक्त किया और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सबके प्रति आभार व्यक्त किया।