जदयू द्वारा आयोजित भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती समारोह में शामिल हुये मुख्यमंत्री

इसी वर्ष बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की जायेगी- मुख्यमंत्री

टोला सेवक, तालीमी मरकज, विकास मित्र एवं शिक्षा सेवक का सेवा काल 60 वर्ष कर दिया गया है। हमलोग इनको और अधिक काम देकर इनकी आमदनी बढ़ाएंगे मुख्यमंत्री

पटना, 14 अप्रैल 2023 :– मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती समारोह के अवसर पर जदयू द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुये। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। जदयू प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में आयोजित इस जयंती समारोह में मुख्यमंत्री ने डॉ० भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंटकर उनका अभिनंदन किया। जदयू अनुसूचित जाति / जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री संतोष निराला ने प्रतीक चिन्ह भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष जदयू द्वारा तैयार की गयी लघु फिल्म ‘अंबेडकर विचार के कर्णधार नीतीश कुमार प्रदर्शित की गयी। जदयू प्रदेश कार्यालय के प्रवेश द्वार पर पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा कर मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में आप सभी बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं, यह काफी खुशी की बात है। मैं आप सभी लोगों का अभिनंदन करता हूँ।

आजादी के बाद बाबा साहब ने संविधान की रचना की। संविधान के निर्माण में बाबा साहब का जो योगदान है, उसे कभी भुलाया नही जा सकता। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० भीमराव अंबेडकर जी की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए ही पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल एवं इसी बिहार के रहने वाले देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी ने उन्हें संविधान की प्रारूप कमिटी की अध्यक्षता करने की जिम्मेवारी सौंपी। सबने यह माना कि बाबा साहब ही इसके लिए सबसे सुयोग्य व्यक्ति हैं। आज कल बहुत बातों को भुलाने की कोशिश में कुछ लोग लगे हुए हैं। आज सभी नेताओं को बाबा साहब के किये गये कार्यों को याद रखना चाहिए।

संविधान निर्माण से संबंधित जिनके जो भी सवाल होते थे, बाबा साहब हर प्रकार से उन्हें समझाया करते थे। उसके बाद संविधान लागू हुआ। वे जब संविधान की रचना कर रहे थे तब सभी ने उनकी मदद की। साधारण परिवार में जन्म लेकर भी उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की। बाबा साहब को अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा ग्रहण करने जाना था तो उसके लिए वीजा की जरूरत थी। उस समय महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने बाबा साहब को बाहर भेजने में मदद की। महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ बाबा साहब से काफी प्रभावित थे। डॉ० भीमराव अम्बेडकर साहब काफी योग्य व्यक्ति थे। इसे हमेशा याद रखना चाहिए कि अनुसूचित जाति से आने वाले व्यक्ति ने ही संविधान की रचना की। हमें यह समझने की जरूरत है कि जो अधिकार वंचित तबकों को मिलना चाहिए, वह आज तक क्यों नहीं मिला?

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने प्रारंभ से ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम समुदाय एवं महिलाओं के विकास के लिये काम किये। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ० राम मनोहर लोहिया एवं जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों को ध्यान में रखकर ही सबके उत्थान के लिए बिहार में एक-एक काम किये गये। इन बातों को कभी भूलना नहीं चाहिए। केंद्र में इन दिनों जिनको मौका मिला है वे काम की बजाय सिर्फ अपना प्रचार करने में लगे हुये हैं। इतिहास बदलने की कोशिश हो रही है। विभिन्न राज्यों के विपक्षी नेताओं परेशान किया जा रहा है। इन सब चीजों को याद रखिए एकजुटता को लेकर ह लोगों की बात हो गई है, परसों भी बात हुई है। सभी लोग एकजुट होने के लिए तै आगे भी अन्य लोगों से बातचीत होगी। बहुत जल्द ही सारी बातें सामने आ जायेंगी। कहा कि हमारा उदेश्य है कि अधिक से अधिक लोग एक साथ आयें फिर सब साथ बैठ आगे की रणनीति तय करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने देश में पहली बार बिहार में पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इससे पुरुष वर्ग की नाराजगी भी देखने को मिली। लोगों ने कहा कि अब हम पुरुषों को ही खाना बनाना पड़ेगा । पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए केंद्र में कमिटी बनी थी जिसमे हम भी मेंबर थे। उस समय कानून बनाकर महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का प्रावधान किया गया। हमें जब बिहार में काम करने का मौका मिला तो हमने महिलाओं के विकास के लिये कई काम किये उनको सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया। हमलोगों ने गरीब-गुरबों के बच्चे-बच्चियों को पढाने के लिए भी काफी काम किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़कियों को पढ़ाना बहुत जरूरी है। क्षेत्रफल की तुलना में बिहार की आबादी काफी ज्यादा है। हमलोगों ने लड़कियों को पढ़ाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए पोशाक योजना, साइकिल योजना जैसी अनेक योजनायें चलायीं, जिसका नतीजा है कि आज बड़ी संख्या में लड़कियां पढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि एक सर्वे में यह बात सामने आई कि पति-पत्नी में यदि पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 और यदि पत्नी इंटरमीडिएट पास है तो देश का प्रजनन दर 1.7 है और बिहार का 1.6 है। यह जानकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई। लड़कियों को पढ़ाने के लिए हमलोगों ने काफी काम किया जिसका परिणाम है कि बिहार का प्रजनन दर 4.3 से घटकर 2.9 हो गया है। हमलोगों का लक्ष्य इसे घटाकर 2 पर लाने की है। पहले बिहार में 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर थे, जो स्कूली शिक्षा ग्रहण नहीं कर रहे थे। इसमें महादलित और मुस्लिम समुदाय से जुड़े सबसे अधिक बच्चे शामिल थे, उन्हें स्कूल भेजने के लिए कई काम किये गये। इसके लिए तालीमी मरकज शिक्षा सेवक, टोला सेवक एवं विकास मित्रों की बहाली की गयी। अब एक प्रतिशत से भी कम यानि केवल 0.5 प्रतिशत बच्चे ही स्कूलों से बाहर हैं। टोला सेवक, तालीमी मरकज, विकास मित्र एवं शिक्षा सेवक का सेवा काल 80 वर्ष कर दिया गया है। हमलोग इनको और अधिक काम देकर इनकी आमदनी बढ़ाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी हमारे काम की चर्चा अधिक से अधिक लोगों के बीच करें। समाज के हर तबके को आगे बढ़ाने के लिए बिहार में काफी काम किये गये हैं। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम किया जिसके कारण अब बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़कर 10 लाख से ज्यादा हो गई है जिससे 1 करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ी हुई हैं। हमलोगों ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी का नाम दिया। केंद्र से लोगों ने आकर इसे देखा और इससे प्रभावित होकर अपनी योजना का नाम आजीविका रखा। यह वर्ष 2009 के पहले की बात है वर्ष 2014 के बाद की नहीं यह बात ध्यान में जरूर रखियेगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा, शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों का विकास किया गया। हमलोगों ने बड़ी संख्या में चिकित्सकों एवं शिक्षकों की बहाली की हम सभी सात पार्टी एक साथ हैं और सबने यह तय किया है कि अब बिहार में शिक्षकों की सरकारी बहाली की जायेगी। इसी वर्ष बड़े पैमाने पर जल्द ही शिक्षकों की बहाली की जायेगी। अब शिक्षक सरकारी नौकरी में आयेंगे। कुछ लोग सरकारी शिक्षक की बहाली पर अनाप-शनाप बोलने में लगे हुए हैं। पहले से जो शिक्षक हैं उनकी भी आमदनी बढ़ाई जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग बाबा साहब के संविधान को मानकर चलते हैं। हमेशा गरीब-गुरबों की मदद करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग साथ आये, अलग हुए फिर साथ आये और अलग हुए लेकिन वर्ष 2005 से 2015 तक जो भी विकास के कार्यक्रम घोषित किये गये, हमारे द्वारा ही किये गये सात निश्चय योजना को अमलीजामा पहनाया गया। जो हमारे साथ रहे उन्होंने भी इन विकास योजनाओं की खुलकर प्रशंसा की। किसी को भ्रम में रहने की जरूरत नही है। कुछ लोग भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हमलोगों ने विकास के कार्यक्रम तय किये। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, मुस्लिम, अतिपिछड़ा, पिछड़ा, सामान्य वर्ग और महिलाओं समेत सभी के उत्थान के लिए एक-एक काम किये गये। हमारी पार्टी में सभी जाति से जुड़े नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हैं। सबलोग एकजुट होकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बाएं दाएं करने की कोशिश करते रहते हैं, ऐसे लोगों से सचेत रहने की जरूरत है। हम सभी का कर्तव्य है कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होकर काम करें। आप सभी लोगों के बीच में जाकर बात करें। बिहार को आगे बढ़ाने के लिए जिन नई योजनाओं की जरूरत होगी, उसे शुरू की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर नल का जल, हर घर तक बिजली का कनेक्शन, हर घर तक पक्की गली और नाली का निर्माण सहित अनेक विकास के काम किये गये। उसका मेंटेनेंस भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमलोग केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग निरंतर करते रहे हैं लेकिन आज तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला। बावजूद इसके अपने बल पर हमलोगों ने बिहार क ज्यादा विकास किया है। ऐसी स्थिति में यदि आप अपना वोट भाजपा को देंगे तो अपन करेंगे और उनके खिलाफ वोट करेंगे तो अपना विकास करेंगे। श्रद्धेय अटल बिहार बाजपेयी जी के कार्यकाल में हम छह साल केंद्र में मंत्री रहे थे। वे हमें काफी मानते थे। श्रद्धेय अटल जी के समय में जो काम तय थे, वे आज तक बिहार में पूरे नहीं हुये। आज कल हर चीज पर नियंत्रण किया जा रहा है। अपने ढंग से दो लोग नियंत्रण करने में लगे हैं। कुछ लोग मेरे खिलाफ बोल रहे हैं ताकि दिल्ली से उन्हें पारितोषिक मिल जाएगा। वे लोग डरे हुए हैं कि कहीं उनका टिकट न कट जाए।

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी मेरे लिए नारा मत लगाइए। हम सभी को एकजुट करने में लगे हुए हैं। आप सभी एकजुट रहें। सब लोग एक-दूसरे का साथ दें। हम सभी सात पार्टियाँ मिलकर बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। देश को आगे बढ़ाने के लिए अनेक दल एकजुट हो रहे हैं। सब लोग एकजुट हो जायेंगे तो देश आगे बढ़ेगा और गरीबी दूर होगी। आप सभी आपस में प्रेम एवं भाईचारे का भाव कायम रखें। यह आप सभी की जिम्मेवारी है कि देश को आगे बढ़ाने में मिलकर योगदान दें।

कार्यक्रम को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा एवं जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, बिहार विधान सभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद संजय सिंह, विधान पार्षद श्री ललन सर्राफ, पूर्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव दसई चौधरी, पूर्व विधायक अरुण मांझी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्त्ता उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य की विभिन्न पंचायतों से भी बड़ी संख्या में लोग जुड़े रहे।

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