छठ पूजा विशेष

卐छठ पूजा卐

कार्तिक शुक्ल चतुर्थी/छठ पूजा प्रारम्भ।

आस्था का महापर्व छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस बार षष्ठी तिथि १९ नवंबर २०२३, रविवार को है। छठ पूजा बिहार और झारखंड के निवासियों का प्रमुख त्योहार है, लेकिन इसका उत्सव पूरे उत्तर भारत में देखने को मिलता है। सूर्य उपासना के इस पर्व को प्रकृति प्रेम और प्रकृति पूजा का सबसे उदाहरण भी माना जाता है।

चार दिन तक चलने वाले छठ पूजा पर्व पर यूपी, बिहार और झारखंड में जबरदस्त उत्सव और उत्साह का महौल देखने को मिलता है।

छठ पूजा की शुरुआत षष्ठी तिथि से दो दिन पूर्व चतुर्थी से हो जाती है जो कि इस बार शुक्रवार को है। चतुर्थी को नहाय-खाय होता है। नहाय-खाय के दिन लोग घर की साफ-सफाई/पवित्र करके पूरे दिन सात्विक आहार लेते हैं। इसके बाद पंचमी तिथि को खरना शुरू होता है जिसमे व्रती को दिन में व्रत करके शाम को सात्विक आहार जैसे- गुड़ की खीर/कद्दू की खीर आदि लेना होता है। पंचमी को खरना के साथ लोहंडा भी होता है जो सात्विक आहार से जुड़ा है।

छठ पूजा के दिन षष्ठी को व्रती को निर्जला व्रत रखना होता है। यह व्रत खरना के दिन शाम से प्रारंभ होता है। छठ यानी षष्ठी तिथि के दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ देकर अगले दिन सप्तमी को प्रातः उगते सूर्य का इंतजार करना होता है।

सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही लगभग ३६ घंटे चलने वाला निर्जला व्रत समाप्त होता है। छठ पूजा का व्रत करने वालों का मानना है कि पूरी श्रद्धा के साथ छठी मइया की पूजा-उपासना करने वालों की मनोकामना पूरी होती है।

छठ पूजा की तिथियां-

१७ नवंबर २०२३ शुक्रवार- चतुर्थी (नहाय-खाय)
१८ नवंबर २०२३, शनिवार- पंचमी (खरना)
१९ नवंबर २०२३, रविवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ)
२० नवंबर २०२३, सोमवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ, प्रातः ०५ बजकर ३६ मिनट से पहले)

षष्ठी को सूर्यादय ०६:४८ बजे और सूर्योस्त ०५:२६ बजे पर होगा। षष्ठी तिथि १९ नवंबर को रात ०९:५९ बजे से प्रारम्भ होगी जो २० नवंबर को रात ०९:२९ बजे तक रहेगी।

आचार्य स्वामी विवेकानन्द जी
श्री रामकथा, श्रीमद्भागवत कथा व्यास श्री धाम श्री अयोध्या जी संपर्क सूत्र:-9044741252

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *