जानिए सूतक काल में एवं ग्रहण के समय क्या करना चाहिए

।।चंद्र ग्रहण विमर्श।।

 

आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा ( शरद पूर्णिमा) का व्रत -28 अक्टूबर दिन शनिवार को है,जो लोग पूर्णिमा का व्रत करते हैं वो लोग शाम 4 बजकर 5 मिनट तक पूजा एवं फलाहार कर लेंगे।

।।चंद्र ग्रहण।।

28:10:23 को सायं 04:05 से चन्द्र ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा, जो कि आज मध्य रात्रि में 01:05 से चन्द्र ग्रहण प्रारंभ हो जाएगा और रात्रि 02:23 तक ग्रहण रहेगा।
शरद पूर्णिमा में जो लोग खीर बना करके भगवान जी को भोग लगाते हैं वो लोग शाम को 4 बजे के पहले खीर बना करके घर के बाहर में कहीं लटका करके रख सकते हैं, और ग्रहण प्रारंभ होने से पहले खीर को हटा लें, क्योंकि खीर में ग्रहण का छाया नहीं पड़ना चाहिए। खीर में कुश या तुलसीपत्र छोड़ करके ही रखें।

जिन लोगों को चन्द्रमा को अर्ध्य देना है वो लोग मोक्ष के बाद यानी कि रात्रि 02:24 पर चन्द्रमा को अर्ध्य दें सकते हैं।
जो लोग पूर्णिमा का व्रत करते हैं वो लोग पूर्णिमा का व्रत अवश्य करें। सूतक काल में एवं ग्रहण के समय में अधिक से अधिक मन्त्र जप करने से कोटि गुना फल प्राप्त होता है।
आप सभी का मंगल हो।

आचार्य स्वामी विवेकानन्द जी
ज्योर्तिविद, व सरस कथा व्यास
श्री धाम श्री अयोध्या जी

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