चकाई से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रहे पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित कुमार सिंह इन दिनों पूरे बिहार की राजनीति में चर्चा में है चर्चा सिर्फ इसलिए नहीं कि वे चकाई में सक्रिय है चर्चा इसलिए भी कि कोरोना काल में उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए आगे बढ़ कर एक मिसाल कायम की है.
सुमित सिंह युवा है जनप्रिय हैं लोगों के बीच ज्यादा समय बिताते हैं .उन्होंने अपने गृह विधानसभा चकाई के लिए खुद को समर्पित कर दिया है फिलहाल जदयू में है इस कारण से जदयू से उनका टिकट पक्का माना जा रहा है पर पिता से राजनैतिक बैर रखने वाले कई लोग चकाई में सुमित को घेरने की तैयारी में भी हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जमुई के लोजपा सांसद चिराग पासवान को सुमित सिंह से ही जवाब दिलाते हैं सुमित के जवाब से चिराग कुछ ज्यादा ही तिलमिला जाते हैं पर इस बार चकाई से उनका दावा पहले ही खारिज हो चुका है अब दुश्मन जदयू के अंदर ही पनप रहे हैं राजद के एक एमएलसी हाल ही में जदयू में शामिल हुए हैं उन्हें एक सांसद का वरदहस्त प्राप्त है वे चकाई से ही टिकट चाहते हैं पर यह संभव होता नहीं दिख रहा है ऐसी स्थिति में दल के अंदर विद्रोह हो जाएगा.
सुमित इन सभी चक्रव्यू रचने वाले लोगों से दूर अपने क्षेत्र में जनता के बीच में सेवा भाव से लगे है जिसकी रिपोर्ट नीतीश कुमार तक पल-पल पहुंच रही है सुमित सिंह भी जानते हैं कि वोट जनता को ही करना है और जनता जिसे चाहेगी वहीं यहां से जन प्रतिनिधि बनकर जाएगा इसलिए वह हड़बड़ी में नहीं है उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा है.
चकाई झारखंड के सीमा से सटा हुआ बिहार का अंतिम विधानसभा क्षेत्र है इस क्षेत्र पर आदिवासी मतदाताओं का ज्यादा प्रभाव है जिनके बीच सुमित सिंह की अच्छी पैठ है.