पटना, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) ने कायस्थों के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त जी के अवतरण दिवस के अवसर पर विधिवत पूजा अर्चना की ।
ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस बिहार के पदाधिकारियों ने भगवान चित्रगुप्त की पूजा की। कायस्थों ने भगवान चित्रगुप्त को भगवान को फल, मेवा और मिठाई का भोग लगाया और मनोवांच्छित फल और शांति के लिए कामना की। पूजा के बाद अदरक, मधु, दही, घी, नारियल का पानी आदि मिश्रित प्रसाद का भोग का वितरण किया गया।
जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने सभी लोगों को भगवान चित्रगुप्त के अवतरण दिवस पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा चित्रगुप्त कायस्थों के आराध्य देव हैं। उन्होंने बताया कि यमराज की प्रार्थना पर सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के 11000 वर्षों की कठिन तपस्या के उपरांत चैत्र पूर्णिमा के रोज ही ब्रह्मा जी की काया से मध्य प्रदेश के उज्जैन के शिप्रा नदी के किनारे चित्रगुप्त भगवान प्रकट हुए और इसीलिए कायस्थ समाज चैत्र पूर्णिमा को चित्रगुप्त अवतरण दिवस के रूप में मनाते हैं।
जीकेसी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद ने बताया कि भगवान चित्रगुप्त कलम के देवता है। उन्होंने कहा कि भगवान चित्रगुप्त कलम को देवता माना जाता है। भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से साहस, शौर्य, बल और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
इस अवसर पर जीकेसी मीडिया-कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रेम कुमार, जीकेसी के राष्ट्रीय सचिव राजेश सिन्हा संजू, जीकेसी बिहार कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा, जीकेसी बिहार मीडिया सेल के महासचिव मुकेश महान, जीकेसी कार्यलय सचिव पीयूष श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव शुभम कुमार समेत कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।