एक राखी मेरी मॉम कानन लक्ष्मी के लिये : शिखा स्वरूप

पटना, रक्षाबंधन का त्योहार है और मैं अपनी मॉम कानन लक्ष्मी को धन्यवाद कहना चाहती हूं। अपने मुझे सही रास्ते पर चलना सिखाया और हर बुराई से मेरी रक्षा की है। इस के लिए धन्यवाद।पापा जी के बाद अपने मुझे मां पिता दोनो का प्यार दिया है। बेटी के जीवन में एक पिता का महत्व अधिक होता है इसीलिए अपने ज्यादा पिता और कम मां बन कर मेरी परवरिश की, इस के लिए धन्यवाद।जीवन में हम अपने कर्तव्यों को निभाते है और कई लोगो के रोल मॉडल बन जाते है।…

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गायकी की दुनिया में अपना परचम लहराया मुकेश ने : डा. नम्रता आनंद

पटना। सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन के म्यूजिकल ग्रुप हर्षा म्यूजिकल ग्रुप ने महान पार्श्वगायक मुकेश की पुण्यतिथि अवसर पर संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें कलाकारों ने उनके गाये गानों के द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। संगीतमय कार्यक्रम की शुरुआत मुकेश की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित करके की गयी। कार्यक्रम का सफल संचालन हर्षा म्यूजिकल ग्रुप और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद तथा अजय अमबष्ठा ने की। संगीतमय कार्यक्रम में दिवाकर कुमार वर्मा, आनंद सिन्हा, राकेश कुमार, अमृता , रूपाली दास टुंपा, स्मिता रॉय, प्रेम…

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वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर को शांति देवी संस्कृत साधक सम्मान

पटना 21 अप्रैल। सर्वत्र संस्कृतं संकल्प के साथ आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान के अंतर्गत संस्कृत विदुषी शान्ति देवी की पुण्यतिथि के अवसर पर नवबिहार टाइम्स के सम्पादक एवं राज्य के वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर को सम्मानित किया गया। बिहार संस्कृत संजीवन समाज पाटलिपुत्रम की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नवबिहार टाइम्स के सम्पादक कमल किशोर को शांति देवी संस्कृत साधक सम्मान से सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि संस्कृत विदुषी स्मृतिशेष शांति देवी की स्मृति में संस्कृत के प्रचार – प्रसार में उत्कृष्ट देने वाले संस्कृत विचारकों – विद्वानों…

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दिल्ली डायरी : द्वारका की एक कुशल डेंटिस्ट नेहा जैन

कमल की कलम से ! आज जबकि सभी पैसों के पीछे दौड़ रहे हैं और मरीज हैरान परेशान लुटे जा रहे हैं वहीं पर बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो पैसों को नहीं बल्कि मानव सेवा को महत्व दे रहे हैं और मरीजों को बहुत ही अल्प पैसे खर्च करा कर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं. वैसे ही मानव और डॉ धर्म का निर्वाह करने वालों की सूची में है द्वारका की डेंटिस्ट डॉ नेहा जैन.ये एक चैरिटेबल डेंटल क्लिनिक चला रही हैं जहाँ बहुत ही कम पैसों…

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डा. राधाकृष्णन का जीवन हमें उच्च गुणों को आत्मसात कर एक आदर्श शिक्षक बनने की प्रेरणा देता है

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेन्सी के चित्तूर जिले के तिरूत्तनी ग्राम के एक तेलुगुभाषी ब्राह्मण परिवार में 05 सितम्बर 1888 को हुआ था। राधाकृष्णन का बाल्यकाल तिरूतनी एवं तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही व्यतीत हुआ। उन्होंने प्रथम आठ वर्ष तिरूतनी में ही गुजारे। वह बचपन से ही मेधावी थे।दर्शनशास्त्र में एम०ए० करने के बाद 1918 में वे मैसुर महाविद्यालय में दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए। बाद में उसी कॉलेज में वे प्राध्यापक भी रहे। डॉ॰ राधाकृष्णन ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से विश्व…

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