पटना, सामाजिक संगठन रोटरी क्लब ऑफ चाणक्या के सौजन्य से पांच जरूरतमंद लोगों का मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया।
रोटेरियन डॉ सुधांशु बंका के पाटिलपुत्रा स्थित क्लिीनीक में निशुल्क नेत्र जांच शिविर लगाया गया। शिविर में रोटेरियन डॉ सुधांशु बंका के द्वारा 05 मरीजों का मोतियाबिंद का जांच एवं निशुल्क ऑपरेशन किया गया। इस कार्यक्रम का संयोजन समाजसेविका और रोटेरियन डा. नम्रता आनंद ने किया।
इस अवसर पर रोटरी क्लब ऑफ चाणाक्या की अध्यक्ष मोनी त्रिपाठी ने बताया कि रोटरी चाणक्या निस्वार्थ भाव से जरूरतमंदों की सेवा में तत्पर है। इसके सभी सदस्य अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों की सेवा करते हैं। रोटरी चाणक्य के सौजन्य से समय-समय पर जरूरतमंदों, वृद्धों, अनाथालय के अनाथ बच्चों, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों, कैंसर पीड़ितों को, दिव्यांगों की सेवा की जाती रही है।
रोटरी चाणक्या की पूर्व अध्यक्ष अर्चना जैन ने बताया कि रोटरी चाणक्या समय-समय पर नेत्र जांच शिविर लगाता रहा है। उन्होंने कहा कि रोटरी चाणक्या के सारे सदस्य लगातार जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस मरीज को चश्मे की जरूरत है या दवाइयों की जरूरत है, उन्हें निशुल्क उपलब्ध कराई गई, परीक्षण के बाद उन्हें चश्मा दिया गया।
रोटेरियन डा. नम्रता आनंद ने बताया कि रोटरी चाणक्या के सौजन्य से वर्ष भर विभिन्न प्रकार की सामाजिक और परोपकार की गतिविधियां करवाई जाती हैं। इनमें नि:शुल्क मेडिकल कैंप, रक्तदान शिविर, पौधारोपण, जरूरतमंदों के लिए भोजन, कपड़े एवं बच्चों को शिक्षा के लिए सहायता देना प्रमुख हैं।रोटरी क्लब ऑफ चाणक्या समय-समय पर सामाजिक हित के इन कार्यों में अपनी भागीदारी करता रहता है और आगे भी मानव सेवा के इन कार्यों में अग्रणी रहेगा।
रोटेरियन डॉ सुधांशु बंका ने बताया कि मानवता ही सबसे बड़ी सेवा है। रोटरी चाणक्या के सभी सदस्यों के अंदर मानवता भरी है जिस कारण वे सभी की सेवा के लिये सदैव तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि हर सामर्थ्यवान लेगों को इस दिशा में आगे आने की जरूरत है।
सचिव ललित दलानिया ने कहा यदि अन्य लोग मानवता की सेवा के लिए आगे आए तो गरीब और जरूरतमंद लोगों का दुख कम होगा। इस अवसर प रोटेरियन.कमल बिदासरिया भी उपस्थित थे।गौरतलब है कि डॉ सुधांशु बंका पटना के एक प्रसिद्ध नेत्र सर्जन हैं। वह मोतियाबिंद, कॉर्निया और सर्जरी के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं और उन्हें 16000 से अधिक सर्जरी करने का अनुभव है। उन्हें निजी प्रैक्टिस में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सर्जरी करने वाले बिहार के पहले नेत्र सर्जन होने का श्रेय भी दिया जाता है।