पटना : पटना उच्च न्यायालय द्वारा पुनः जाति जनगणना शुरू कराने के निर्देश का स्वागत करते हुए भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने कहा की जाति आधारित जनगणना के बाद समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे हुए लोगों का विकास होगा। जाति जनगणना से ही यह पता चल पाएगा कि समाज में कितने अमीर गरीब के साथ साथ शैक्षणिक एवं राजनीति से वंचित लोग है। जाति जनगणना से ही वास्तविक सामाजिक न्याय स्थापित हो सकता है।
जातीय जनगणना से उपेक्षित, शोषित, अति पिछड़े समूहों की संख्या एवं अन्य आंकड़े मिल जाएगी, जिनसे इस समूहों के पिछड़ेपन एवं विकास को समझने में सहायक सिद्ध होगी। लेकिन तभी यह संभव है जब जनगणना की दिशा एवं दृष्टि में सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक आधारित प्रश्नों को ज्यादा महत्ता मिले। ऐसा न हो की संख्या बल के आधार पर सत्ता की शक्ति के वितरण में ही अपनी हिस्सेदारी की केवल दावा किया जा सके।