वित्त वर्ष 2023-24 के 1 अप्रैल से 17 जून के बीच भारत के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में जबरदस्त उछाल दर्ज हुआ है। इस चलते इस वित्त वर्ष की शुरुआत में ही सरकार का खजाना अच्छी कमाई के साथ भरना शुरू हो गया है। इस पर वित्त मंत्रालय ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले इस बार टैक्स कलेक्शन में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह में हुई बंपर वृद्धि
सरकारी आंकड़ों के मानें तो वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह में अब तक की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। दरअसल, इस बार सकल यानी कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 12.73% की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में यह तीन लाख 71 हजार 982 करोड़ रुपये था, जबकि इस बार चार लाख 19 हजार 338 करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ है।
शुद्ध कर संग्रह 11.18%
वहीं, वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी भी दी है कि शुद्ध कर संग्रह 11.18% प्रतिशत की वृद्धि के साथ तीन लाख उनासी हजार 760 करोड़ रुपये दर्ज हुआ है। 2023-24 में 17.06.2023 तक के प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़ों से पता चलता है कि शुद्ध संग्रह 3,79,760 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि में यह 3,41,568 करोड़ रुपये था, जो कि इसमें 11.18% की वृद्धि को दर्शाता है।
अब तक कितना रिफंड हुआ जारी ?
वहीं सकल संग्रह में एक लाख 87 हजार 311 करोड़ रुपये का निगम कर और दो लाख 31 हजार 391 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर शामिल है। वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए अग्रिम कर संग्रह 13 दशमलव सात शून्य प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक लाख 16 हजार 776 करोड़ रुपये रहा। 2023-24 में अब तक 39 हजार 578 करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया जा चुका है, जो कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए 30,414 करोड़ रुपये के रिफंड की तुलना में 30.13% अधिक है।
क्या है डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन ?
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों में कुल जमा टैक्स का ब्योरा होता है, लेकिन सरकार की तिजोरी में जो असल पैसा आता है वो इस संग्रह में से रिफंड की रकम हटाकर ही पहुंचता है। ऐसे में अगर रिफंड का गुणा-भाग कर 2022-23 और बीते वर्ष के टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों की तुलना की जाए तो भी इसमें जबरदस्त उछाल आया है।