बक्सवाहा, बक्सवाहा के जंगल को बचाने के अभियान में पटना से पर्यावरण लेडी आफ बिहार के रूप में चर्चित हो रही पर्यावरण योद्धा डॉक्टर नम्रता आनंद छतरपुर,बक्सवाहा पहुँच गई। बक्सवाहा पहुँच कर डॉक्टर नम्रता ने देश भर से आए पर्यावरण प्रेमियों से मुलाक़ात की और बक्सवाहा अभियान और इसके लिए चल रहे आंदोलन की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की ।
गौरतलब है कि हीरे की खान के लिए बक्सवाहा के बड़े जंगल को काटने की साज़िश चल रही है। इस साज़िश के तहत लगभग ढाई लाख पुराने पेड़ काटे जाने की योजना सरकार की है । लेकिन पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इतने बड़े जंगल को काटना पर्यावरण के हित में नहीं है । इससे जैव विविधता नष्ट होगी और मध्य प्रदेश सहित पूरे देश का पर्यावरण प्रभावित होगा।
डॉक्टर नम्रता आनंद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमें हीरे नहीं हरियाली चाहिए। कोरोना की दूसरी लहर में सबने ये महसूस किया है कि हीरे से ज़्यादा क़ीमती हम सबके लिए हरियाली है । इसलिए हमें हर हाल में जंगल को काटे जाने से रोकना ही होगा । देश भर के पर्यावरण योद्धाओं को बक्सवाहा जीतना ही होगा। उन्होंने कहा इसके अतिरिक्त पर्यावरण प्रेमियों के लिए कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है ।पहले से ही बक्सवाहा पहुँचे पीपल नीम तुलसी अभियान के प्रणेता डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि बक्सवाहा के छतरपुर स्थित इस जंगल को सिर्फ़ आमदनी के लिए सरकार कटवाना चाहती है ।
अगर सरकार आमदनी ही चाहती है तो इसे पिकनिक स्पॉट, टुरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित कर नियमित आमदनी का श्रोत बना सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है और बक्सवाहा को बचाने की ज़रूरत है। पटना से बक्सवाहा पहुँचने के बाद दीदीजी फ़ाउंडेशन की संस्थापिका डॉक्टर नम्रता आनंद ने डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार सहित देश भर से आए कई पर्यावरण योद्धाओं से मुलाक़ात की और बक्सवाहा आंदोलन की नीति रणनीति तय करने के लिए विमर्श किया।