पटना: कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (केआईआईटी) बिहार में वॉलीबॉल को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जिलों में एक सौ वॉलीबॉल क्लब को खेल सामग्री देगी.यह बातें वॉलीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं सांसद अच्युत सामंत ने कही.उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं में छिपी प्रतिभा की पहचान कर उनके संवर्धन हेतु संपूर्ण राज्य में एक आंदोलन के रूप में इसे विकसित करने के महान इरादे के साथ इसके लिए एक रोडमैप तैयार करने हेतु गंभीरता के साथ विचार किया जा रहा है.
फेडरेशन के अध्यक्ष से बिहार में वालीबॉल खेल के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यदि इस खेल को बढ़ावा दिया गया तो स्वाभाविक रूप से इस खेल का भविष्य भी उज्ज्वल हो जाएगा. इसके लिए उन्होंने राज्य के खेल प्रतिभाओं को तराशने और यहां के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेल पटल पर प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा. उन्होंने ओडिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि आज से पांच-सात साल पहले ओडिशा में भी खेल को लेकर उदासीनता थी लेकिन वहां की सरकार के जबरदस्त प्रयास एवं सहयोग से आज इस राज्य के कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति है.
सामंत ने कहा कि बिहार में खेल निदेशालय एवं सरकार के स्तर पर रग्बी, वेटलिफ्टिंग और शतरंज समेत 10 खेलों की सूची तैयार की गई है, जिन्हें बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में खेल को लेकर जिस तरह के प्रयास शुरू हुए हैं उन्हें लगता है कि आने वाले समय में यह प्रदेश इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन करेगा.
सांसद से बिहार में कीस की शाखा खोले जाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्होंने इसके लिए प्रयास शुरू किया था लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ पाया. उन्होंने कहा कि अब फिर से प्रयास शुरू किया गया है और उन्हें उम्मीद है की जल्द ही बिहार में कीस की एक शाखा शुरू हो जाएगी.
वहीं, बिहार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनके संस्थान से अबतक इस प्रदेश के 16 हजार बच्चे पासआउट हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके संस्थान में 6000 बच्चे पढ़ रहे हैं.
इस मौके पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के डीजी रविंद्र शंकरण, अभिनेता राहुल बोस,विवि के अधिकारी प्रभात कुमार के अलावा खेल संघों से जुड़े कई लोग शामिल थे.