बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह के अंगरक्षक रहे मनोज कुमार प्रभाकर की मंगलवार की देर रात पीएमसीएच मे इलाज के दौरान मौत हो गयी।
प्रभाकर अपने पीछे दो पुत्री, एक पुत्र के साथ बूढ़े माता पिता को छोड़ गये हैं। सूत्रों की मानें तो उनको देखने वाला भी अब कोई नहीं बचा। मनोज कुमार प्रभाकर का सिपाही नं 135, जो की 1999 मे नवगछिया जिले से पुलिस सेवा मे आए थे। बाद मे गया जिले मे योगदान के उपरांत बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह के यहाँ बतौर सुरक्षाकर्मी 2014 से कार्यरत थे।
उसी दरम्यान बिहार विधान सभा के समीप एक मोटरसाइकल दुर्घटना मे मनोज गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे जिससे उनका एक तरफ का अंग पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया था और वो पिछले 6 साल से गंभीर रूप से बीमार थे। लेकिन सरकारी स्तर पर जो स्वास्थ्य सुविधा मिलनी चाहिए थी वो नही मिल पायी और उनकी तबीयत दिनो-दिन बिगड़ती चली गयी।
मंगलवार को उनकी तबीयत जब अचानक ज्यादा खराब हुई तब उन्हे पीएमसीएच ले जाया गया। लेकिन पीएमसीएच पहुँचने के कुछ ही देर बाद चिकित्सकों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।
उनके पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के उपरांत बुधवार को उनके पैतृक घर नवादा जिले के मलुकाबिघा ले जाया जाएगा। मनोज कुमार प्रभाकर के मृत्यु के उपरांत उनके परिवार वालो के पास विकट स्थिति उत्पन्न हो गयी है। क्योंकि प्रभाकर अपने पिता के इकलौते पुत्र थे और उनकी एक दूसरी बहन भी मानसिक रूप से बीमार चल रही हैं। ऐसे मे उनके दो पुत्री और एक पुत्र के जीवन मे अंधकार सा छा गया है। जिसे पुलिस महकमा और बिहार सरकार को गंभीरता से लेने की जरूरत है।