बिहार नर्सरीमेन एसोसिएशन की घोषणा, ग्रीन वॉरियर बन वृक्षारोपण और भूजल संरक्षण पर करेंगे काम

पटना : बिहार नर्सरीमेन एसोसिएशन द्वारा शनिवार को कृषि अनुसंधान संस्थान मीठापुर में एक प्रेस वार्ता कर एसोसिएशन की घोषणा की गई। प्रेस वार्ता को एसोसिएशन के अध्यक्ष ए.के. मणि, सचिव अभिजीत नारायण एवं कोषाध्यक्ष अमृता ने संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कृषि अनुसंधान संस्थान मीठापुर के क्षेत्रीय निदेशक व नालन्दा हॉर्टिकल्चर कॉलेज, नूरसराय के प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार उपस्थित रहे। उन्होंने एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं दी और बिहार के सभी नर्सरीमेन को संगठित कर कार्य करने की सलाह दी। मौके पर उपस्थित एसोसिएशन के अध्यक्ष ए.के. मणि ने कहा कि नर्सरी और उसके संबद्ध क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को एक मंच पर लाना है जिससे आपसी व्यापार विकास में मदद मिलेगी और बिहार में असंगठित नर्सरी व्यवसाय, संगठित उद्योग में परिवर्तन होगा। उन्होंने कहा कि हम सरकार, निजी संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, कॉरपोरेट्स, स्कूलों और कॉलेजों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान और भूजल संरक्षण कार्यक्रम पर काम करेंगे। वहीं  अपने संबोधन में एसोसिएशन में सचिव अभिजीत नारायण ने कहा कि सबसे पहले हमें आवश्यक बदलावों के लिए सरकार और नीति निर्माताओं के सामने अपनी चिंताओं को लेकर नर्सरीमेन की बाधाओं को दूर करना होगा, जिससे व्यवसाय और समाज को बड़े पैमाने पर लाभ हो सकता है। बिहार को पौधा क्रेता से पौधा उत्पादक और भारत भर में अपने मूल और पारंपरिक बागवानी और सजावटी पौधों में सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता में परिवर्तित करना होगा। विभिन्न बागवानी सेवाओं में कौशल विकास के माध्यम से नर्सरीमेन के व्यवसाय का उत्थान करना है और इसमें रोजगार पैदा करना है। किसानों और छात्रों के बीच वृक्षारोपण के बारे में जागरूकता और महत्व बढ़ाना है ताकि उन्हें हरित योद्धा बनाया जा सके। जबकि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अमृता ने कहा कि राज्य की परियोजनाओं में बिहार के नर्सरीमेन और किसानों को प्राथमिकता देना होगा। बिहार में पौधों की गुणवत्ता और बड़े पैमाने पर उत्पादन में सुधार के लिए हमें उत्पादन के तरीके को पारंपरिक तरीके से बदलकर उच्च तकनीक वाली आधुनिक तकनीक का उपयोग करना होगा, इसके लिए हमें पहले सरकारी एजेंसियों के मार्गदर्शन में विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से उसे कुशल बनाना होगा। हमारा सुझाव है कि नर्सरी बीज अधिनियम में बदलाव के साथ फसल बीमा और पट्टे की भूमि को भी शामिल किया जाए। बीमा में नर्सरी पौधों / उत्पादों और व्यवसाय को जोड़ने के लिए ऋण / सीसी लेने के लिए बैंकों द्वारा हमेशा इसकी मांग की जाती है। प्रत्येक कस्बे में नर्सरी व्यवसाय के लिए स्थान उपलब्ध कराना और ऑक्सीजन जोन / चैम्बर विकसित करना होगा। सरकारी निकायों / कॉर्पोरेटों / एनजीओ के साथ नियमित बैठकें करना होगा ताकि बिहार में हमारे संघ और हमारे सदस्य नेटवर्क और प्रत्येक जिले में बड़ी परियोजनाओं को संभालने की क्षमताओं के बारे में जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहा कि अपनी मातृ प्रकृति को बचाने के इस मिशन में हम सभी को योगदान देने की जरूरत है और यह तभी हो सकता है जब हम इसे राज्य और देश की पूरी आबादी से जोड़ सकें। हम नर्सरीमेन और किसानों ने इस कार्य को अपने हाथ में लेने का फैसला किया है और हम ग्रीन वॉरियर के रूप में इस मिशन में आगे से नेतृत्व करेंगे। मौके पर एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य मनीष कुमार, सुनील कुमार, अविनाश वर्मा, अंकुर बनर्जी, रौशन कुमार झा, नीरज कुमार चौरसिया, अमित राय ने भी अपनी बातों को रखा।

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